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गुवाहाटी – डी-लिस्टिंग हेतु जनजाति समाज की हुंकार

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गुवाहाटी. जनजाति धर्म संस्कृति सुरक्षा मंच असम द्वारा 26 मार्च, 2023 को गुवाहाटी के खानपाड़ा मैदान में डी-लिस्टिंग की मांग को लेकर जनसभा का आयोजन किया गया. जनसभा में जनजाति समाज से हजारों लोग उपस्थित रहे. सभा ने मांग की कि जनजाति समाज से धर्मांतरित हुए लोगों को जनजाति की सूची से हटाया जाए और जनजाति कोटे से उन्हें मिल रहे आरक्षण सहित अन्य लाभ बंद किए जाएं. जनजाति समाज के नाम पर किसी भी प्रकार का लाभ ना मिले. जनजाति समाज पर हो रहे इस अन्याय को लेकर जनजाति बंधु अब जाग गए हैं. जनजाति की धर्म संस्कृति पर भी निरंतर हमला हो रहा है.

जनसभा में विभिन्न जनजातियों द्वारा परंपरागत रूप में अपने इष्ट देवों की पूजा हुई. जनजाति धर्म संस्कृति सुरक्षा मंच के अध्यक्ष जलेश्वर ब्रह्म, बोगीराम बोडो द्वारा ध्वजारोहण हुआ. मंच के सचिव बलराम फांगचो सहित बोडो कमेटी की बबीता ब्रह्म, जनजाति के प्रतिनिधि के सुमेश्वर पातर, कारबी कमेटी से प्रताप तेरंग, मिसींग कमेटी से एम.जी. एकलव्य गाम व अन्य उपस्थित रहे. जनजाति सुरक्षा मंच के केंद्रीय ऑब्जर्वर सत्येंद्र सिंह (जशपुर) तथा मध्य प्रदेश से प्रकाश सिंह उईके तथा रविंद्र उईके ने अपने विचार व्यक्त किए. जनजाति सुरक्षा मंच अ. भा. संगठन मंत्री सूर्य नारायण सूरी जी का नेतृत्व जनसभा की सफलता से प्रतिबिंबित हुआ.

जनजाति समाज का उत्साह देख समाज के जागरण का अनुभव हो रहा था. सभा ने भारत के राष्ट्रपति को एक मेमोरेंडम भी भेजा.

जो-जो व्यक्ति धर्मांतरित हुए हैं, उन्हें जनजाति की सूची से हटना चाहिए क्योंकि आज जनजाति समाज के लिए जो लाभ संविधान ने दिए हैं, उसे धर्मांतरित लोग ही ले रहे हैं. वास्तव में जिन्हें लाभ मिलना चाहिए, वे तो वंचित है. यह अन्याय अब हम सहन नहीं करेंगे. अतीत में कभी आदरणीय कार्तिक उरांव ने यही मांग संसद में की थी और इस हेतु गठित संयुक्त संसदीय समिति ने भी इसका समर्थन किया था. दुर्भाग्य से आज तक इस विषय की ओर किसी ने भी ध्यान नहीं दिया. इस अन्याय को अब सहन नहीं करेंगे. हम धर्मांतरित ईसाई एवं मुस्लिमों के नाम सूची से हटा कर ही रहेंगे.

विनोद कुंबांग ने मंच का सफल संचालन किया. मंच से स्थानीय प्रशासन और पुलिस के प्रति धन्यवाद ज्ञापन किया. गुवाहाटी के नगरवासी परिवारों से सभा में पधारे जनजाति बंधुओं के लिए भोजन व्यवस्था की गई थी. जनजाति सुरक्षा मंच के उत्तर-पूर्वांचल के संयोजक गिचिक ताजा अरूणाचल से पधारे थे. सभा में लोकनृत्य का भी मंचन हुआ. डिलीस्टिंग के लिए लड़ाई हो गई शुरु…. गीत पर सभी महिला-पुरुष झूम उठे.

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