करंट टॉपिक्स

हाथरस मामला – पुलिस व खुफिया एजेंसियां सतर्क, पीएफआई के स्थान पर ISO को खड़ा करने का प्रयास

Spread the love

नई दिल्ली. हाथरस मामले की जांच कर रही एजेंसियों के हाथ नई जानकारी लगी है. एजेंसियों को इनपुट मिला है कि पीएफआई की संलिप्तता सामने आने के पश्चात उसके स्थान पर आईएसओ (इस्लामिक स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइजेशन) का नेटवर्क खड़ा करने का प्रयास किया जा रहा है. यह पीएफआई का ही एक विंग बनकर काम करेगा.

पूर्व में भी सिमी पर प्रतिबंध लगने के पश्चात उसके कई सदस्य पीएफआई से जुड़ गए थे. हाथरस जाते समय मथुरा से गिरफ्तार पीएफआई के 4 सदस्यों से पूछताछ में नए संगठन के बारे में जानकारी मिली है. आईएसओ के सदस्य किसी से घुलते-मिलते नहीं और लो प्रोफाईल रहकर गुपचुप रूप से काम करते हैं. आईएसओ का नाम सामने आने के बाद खुफिया एजेंसियां सतर्क हो गई हैं. इस एंगल से भी जांच को आगे बढ़ाया जा रहा है. संगठन से जुड़े कुछ पुराने लोगों की तलाश की जा रही है. सर्विलांस को बढ़ा दिया गया है.

देश में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों के पीछे पीएफआई की संलिप्तता के सबूत जांच एजेंसियों को मिले थे. वहीं, अब हाथरस घटना में एक बार फिर से पीएफआई का नाम सामने आ रहा है. खुफिया एजेंसियों के अनुसार हाथरस कांड के बहाने पीएफआई यूपी में जातीय संघर्ष खड़ा करने की साजिश रच रहा था. इसके लिए बकायदा ”जस्टिस फॉर हाथरस” नाम से वेबसाइट बनाई गई थी, जिसके माध्यम से लोगों को भड़काया जा रहा था. वेबसाइट को चंद दिनों में इस्लामिक देशों से करीब 100 करोड़ से ज्यादा की फंडिंग प्राप्त हुई थी. एजेंसियों की सतर्कता की वजह से पीएफआई का यह मकसद में सफल नहीं हो सका. मामले में पीएफआई और उससे संबंधित संगठन सीएफआई से जुड़े 4 सदस्यों को गिरफ्तार भी किया गया है. उनके खिलाफ मथुरा के मांट थाने में मुकदमा दर्ज हुआ है. सीजेएम कोर्ट ने हाथरस घटना के बहाने दंगों की साजिश रचने के आरोप में चारों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा है.

पीएफआई यानि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया चरमपंथी इस्लामिक संगठन है. संगठन का गठन वर्ष 2006 में हुआ था, इसकी शुरुआत केरल में हुई थी.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *