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मैं भारत का शुक्रगुजार हूँ, भारत ने हमें पूर्ण स्वतंत्रता प्रदान की – परमपावन दलाई लामा

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हमारे समाज को रावण व कंस की नहीं, राम और कृष्ण की आवश्यकता है – इंद्रेश कुमार

भारत- तिब्बत सहयोग मंच के रजत जयंती वर्ष समारोह का उद्घाटन

धर्मशाला. भारत-तिब्बत सहयोग मंच ने 5 मई, 2023 को रजत जयंती वर्ष में प्रवेश कर लिया. मंच के मार्गदर्शक इंद्रेश कुमार जी की उपस्थिति, मंच के कार्यकारी अध्यक्ष सरदार हरजीत सिंह ग्रेवाल जी की अध्यक्षता एवं मंच के राष्ट्रीय महामंत्री पंकज गोयल जी के कुशल नेतृत्व में धर्मशाला में मंच के रजत जयंती वर्ष समारोह का उद्घाटन हुआ.

इंद्रेश कुमार जी ने कहा कि वर्तमान समय में पूरी दुनिया युद्ध की तरफ बढ़ रही है, जबकि इस समय युद्ध नहीं बुद्ध की आवश्यकता है. पूरी दुनिया को हिंसा की बजाय “अहिंसा परमो धर्म:” की आवश्यकता है. हम सभी को मिलकर इसी की स्थापना करनी है. वर्तमान समय में हमें महात्मा बुद्ध के संदेशों को अपने अंदर आत्मसात करने की आवश्यकता है. हिंसा किसी भी समस्या का समाधान नहीं है. आज हमारे समाज को रावण व कंस की नहीं, राम और कृष्ण की आवश्यकता है. मैं पूरे विश्व की शक्तियों से आह्वान करता हूं कि सभी लोग मिलकर तिब्बती लोगों को उनका सम्मान, अधिकार एवं आजादी दिलाने में सहयोग करें. चीन अपने षड्यंत्र बंद कर तिब्बतियों को उनके अधिकार एवं उनकी स्वतंत्रता को बहाल करे.

अपने आशीर्वचन में परम पावन दलाई लामा जी ने कहा कि मैं भारत का बहुत ही शुक्रगुजार हूँ. हम भारत में आए तो भारत ने हमें पूर्ण स्वतंत्रता दी, चाहे वह रहने की स्वतंत्रता हो या धर्म के अभ्यास की. तिब्बत की परंपरा भारत की परंपरा है, क्योंकि वह भारत से ही गई है. तिब्बत में बौद्ध धर्म भारत से ही गया है. मैंने भारत में बहुत भ्रमण किया और बहुत से विद्वानों के साथ मंत्रणा की. मुझे यह बात बहुत अच्छी लगी कि भारतीय बौद्ध धर्म एवं बौद्ध दर्शन को बहुत ही महत्व देते हैं. मैं भारत- तिब्बत सहयोग मंच का बहुत आभारी हूँ कि मंच लगातार हम लोगों के साथ खड़ा है और तिब्बतियों के अधिकार, उनकी आजादी एवं तिब्बत की परंपराओं को बचाए रखने के लिए संघर्ष कर रहा है.

भारत-तिब्बत सहयोग मंच के राष्ट्रीय महामंत्री पंकज गोयल जी ने सभी का आभार व्यक्त किया और कहा कि इंद्रेश जी, परम पावन दलाई लामा जी को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि तिब्बत की आजादी के लिए भारत- तिब्बत सहयोग मंच दिन- रात प्रयास करेगा और एक दिन ऐसा जरूर आएगा, जब चीन को तिब्बत को आज़ाद करना ही पड़ेगा. रजत जयंती वर्ष में साल भर कार्यक्रम होंगे. देश के दस प्रमुख शहरों में तिब्बत की आज़ादी एवं कैलाश मानसरोवर की मुक्ति के लिये जन जागरण हेतु सम्मलेन किये जाएंगे. साथ ही देश के प्रमुख विश्वविद्यालयों में सेमिनार एवं विचार गोष्ठियों का आयोजन किया जाएगा.

सुप्रसिद्ध अभिनेता गजेंद्र चौहान ने कहा कि मैं भारत -तिब्बत सहयोग मंच का आभार व्यक्त करता हूं कि वह पूरे देश में तिब्बतियों की सहायता कर रहा है एवं तिब्बत की सांस्कृतिक विरासत को संजोए रखने के लिए निरंतर कार्य कर रहा है.

समारोह में उपस्थित सभी लोगों का धन्यवाद एवं आभार व्यक्त करते हुए मंच के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष सरदार हरजीत सिंह ग्रेवाल जी ने कहा कि मंच के कार्यकर्ता जिस जोश- जुनून के साथ कार्य कर रहे हैं, उससे लगता है कि मंच को अपने उद्देश्य में सफलता अवश्य मिलेगी. तिब्बत भी आजाद होगा एवं कैलाश मानसरोवर भी मुक्त होगा.

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