पिछले 24 घंटे में भाजपा के दो कार्यकर्ताओं की हत्या, टीएमसी पर लग रहा आरोप
कोलकत्ता. पश्चिम बंगाल कभी वामपंथियों का गढ़ रहा था. जहां विरोधी विचारधारा के लिए कोई स्थान नहीं था, विरोध करने वालों एक ही हश्र होता था. भले ही काफी समय पहले पश्चिम बंगाल में राजनीतिक सत्ता बदल गई हो, लेकिन वामपंथियों के काल में शुरू हुआ खूनी राजनीति का खेल अभी बंद नहीं हुआ है. विरोधी विचार के कार्यकर्ताओं के खिलाफ हिंसा का क्रम जारी है.
पिछले 24 घंटे के भीतर भाजपा के दो कार्यकर्ताओं के शव पेड़ से लटके मिले हैं. पूर्वी मिदनापुर जिले के कछुरी गांव में भाजपा कार्यकर्ता पूर्णचरण दास का शव पेड़ से लटका मिला तो मथुरापुर में बूथ सचिव गौतम पात्र का शव भी पेड़ से लटका मिला है. मृतकों के परिवार और भाजपा ने टीएमसी पर हत्या का आरोप लगाया है. कुछ दिन पहले संदिग्ध हालात में मृत मिले भाजपा विधायक को लेकर भी काफी आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला था. पुलिस इन मामलों की जांच कर रही है.
बंगाल भाजपा ने ट्वीट कर कहा, ”24 घंटे के भीतर बंगाल में एक और भाजपा कार्यकर्ता की हत्या. मथुरापुर में बूथ सचिव गौतम पात्र वीभत्स तरीके से लटके मिले. इस तरह की राजनीतिक हत्याएं गृहमंत्री ममता बनर्जी के कार्यकाल में बहुत सामान्य हो चुकी हैं. वह जिम्मेदारी से बच नहीं सकती हैं.”
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार दास के परिवार के लोगों ने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता दास पर पार्टी में शामिल होने का दबाव बना रहे थे और इनकार करने पर हत्या कर दी. दास की बहन ने कहा, ”मेरा भाई भारतीय जनता पार्टी के लिए काम कर रहा था, इसलिए मेरे भाई की हत्या कर दी गई.”
पूर्णचंद्र की बहन ने कहा, ”आज यहां ग्राम सभा की बैठक होने वाली थी, जिसमें वह बोलने वाला था. इससे पहले ही उन्होंने (टीएमसी कार्यकर्ताओं) उसे मार डाला. एक स्थानीय भाजपा कार्यकर्ता ने कहा, ”तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता पूर्णचंद्र के अच्छे कामों की वजह से भयभीत थे.”
कुछ दिन पहले ही भाजपा विधायक देबेंद्र नाथ रे उत्तरी दिनाजपुर में संदिग्ध हालात में मृत मिले थे. इसे लेकर काफी हंगामा हुआ था. भाजपा कार्यकर्ताओं को निशाना बनाए जाने का आरोप लगा रही है.
पुलिस ने बताया कि दक्षिण बंगाल के रामनगर क्षेत्र में भाजपा के बूथ प्रमुख पूर्णचंद्र दास (44) का शव स्थानीय लोगों ने पेड़ से लटका पाया. पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वे मामले की जांच कर रहे हैं.