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पादरी अंकुर नरूला से जुड़े एक दर्जन स्थानों पर आयकर का छापा

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आयकर विभाग की टीमों ने मंगलवार को पादरी अंकुर नरुला से जुड़े एक दर्जन ठिकानों पर एकसाथ छापेमारी की. नरूला द्वारा संचालित पेंटेकोस्टल चर्च के तहत चर्च आफ साइन एंड वंडर्स में भी आयकर टीम जांच में जुटी है. मंगलवार सुबह लगभग छह बजे केंद्रीय सुरक्षा बलों के साथ आयकर विभाग की टीमें नरूला के चर्च परिसर में स्थित उनके घर पहुंची. रिपोर्ट्स के अनुसार, फिल्लौर, कपूरथला और चंडीगढ़ सहित चर्च से जुड़े एक दर्न स्थानों पर छापे मारे गए. रिपोर्ट्स के अनुसार, अंकुर नरुला जालंधर-नकोदर मार्ग पर गांव खांबड़ां में दो हजार करोड़ रुपये की लागत से चर्च का निर्माण करवा रहा है.

चर्च के मुख्य द्वार पर केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती कर दी और किसी को भी अंदर या बाहर जाने की अनुमति नहीं थी. हालांकि, कोई आधिकारिक जानकारी उपलब्ध नहीं करवाई गई है. आयकर विभाग द्वारा मुख्य रूप से पैसे के लेनदेन को लेकर ही लगातार दूसरी बार छापामारी की गई है. रिपोर्ट्स के अनुसार, अंकुर नरूला स्विट्जरलैंड में भी एक चर्च बनवा रहा है.

इससे पहले 31 जनवरी को भी छापामारी की गई थी. उस समय जालंधर के पादरी बजिंदर सिंह और कपूरथला के हरप्रीत देओल द्वारा चलाए जा रहे दो अन्य चर्चों के परिसरों में जांच की गई थी. यह छापामारी उस समय हुई थी, जब अंकुर नरूला व अन्य पादरी अपने-अपने चर्चों में साप्ताहिक सभाएं आयोजित कर रहे थे. चमत्कारी उपचार का दावा करने वाले नरूला ने 2008 में जालंधर-नकोदर मार्ग पर स्थित गांव खांबड़ां में तीन लोगों के साथ चर्च बनाने का काम शुरू किया था.

दैनिक जागरण की रिपोर्ट के अनुसार, दावा किया जा रहा है कि यह देश और एशिया की सबसे बड़ी चर्च होगी. द चर्च आफ साइन एंड वंडर्स के नामक चर्च का संचालक पास्टर अंकुर नरूला कभी नशा करने का आदि था और नशा छोड़ने के बाद 2008 में मतांतरण किया था.

चर्च की वेबसाइट के अनुसार 2008 में चर्च का निर्माण शुरू करके इंटरनेट मीडिया पर प्रचार शुरू किया गया. 2009 में चर्च के साथ जुड़ने वाले लोगों की संख्या 500, फिर 2010-11 में आठ हजार, 2012-13 में 18 हजार, 2015 में 25 हजार, 2016 में 60 हजार और 2022 में तीन लाख से ज्यादा हो गई.

बच्ची की मौत

दैनिक जागरण की रिपोर्ट के अनुसार, पादरी अंकुर नरूला की चर्च में कुछ महीने पहले एक बच्ची की चमत्कारी उपचार के दौरान मौत हो गई थी. बच्ची के अभिभावक कुछ समय से चर्च में ही रह रहे थे और उन्हें आश्वासन दिया गया था कि चमत्कारी उपचार से उनकी बच्ची बिल्कुल ठीक हो जाएगी, लेकिन उसकी मौत हो गई.

लांड्रिंग की शिकायत

नरूला के चर्च का दावा है कि चर्च को दान के पैसे से चलाया जाता है और चर्च में विश्वास रखने वाले लोग फंड देते हैं. 2020 में नरूला के खिलाफ एक संगठन ने विदेशी योगदान (विनियमन) अधिनियम (एफसीआरए) के कथित उल्लंघन के आरोप में केंद्रीय गृह मंत्रालय को शिकायत दी थी. संगठन का आरोप था कि नरूला ने 10 दिन के लिए यूके में एक शेल कंपनी बनाई और फिर मनी लांड्रिंग नेटवर्क स्थापित करने के लिए इसे भंग कर दिया.

क्रिश्चियन पादरी समुदाय ने कुछ समय पहले ही यूनाइटेड पंजाब पार्टी का गठन किया है. पार्टी जालंधर उपचुनाव में भी सक्रियता दिखा रही है. पंजाब के पादरी इस राजनीतिक गतिविधि में शामिल हो रहे हैं.

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