नई दिल्ली. तीव्र व सुगम लेनदेन की सुविधा के लिए भारत और सिंगापुर ने एक संयुक्त डिजिटल भुगतान प्रणाली का शुभारंभ किया. यह प्रणाली दोनों देशों के नागरिकों को आसानी से सीमापार लेन-देन करने की सुविधा प्रदान करेगी. भारत का यूनिफाइड पेमेन्ट इन्टरफेस – यूपीआई और सिंगापुर के पे-नाउ ने लेनदेन को सुगम बनाने के लिये एक समझौता किया है. सुविधा का संयुक्त शुभारंभ आज किया गया.
दोनों देशों के लोगों के लिए इस सुविधा के शुभारंभ को एक उपहार बताते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि यह फिनटेक कनेक्टविटी में एक नया अध्याय जोड़ेगी. अब लोग कम लागत और तेजी से मोबाइल फोन से परिजनों को पैसे भेज सकेंगे. अन्य लोगों के अलावा पेशेवर और विद्यार्थी इस भुगतान प्रणाली का लाभ उठा सकेंगे.
डिजिटल और फिनटेक क्षेत्र में भारत के विकास पर प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में व्यापार को आसान करने और जीवन को सुगम बनाने में सुविधा प्रदान की गई है. इस कारण प्रशासन और जन-सेवा तंत्र को दुरूस्त करने में भी मदद मिली है. कोविड महामारी के दौरान नागरिकों के बैंक खातों में सीधे पैसे भेजे गए. भारत अब डिजिटल भुगतान में एक अग्रणी देश बन चुका है. भारत में यूपीआई एक अनुकूल भुगतान विकल्प बन चुका है. पिछले वर्ष सात हजार चार सौ करोड़ यूपीआई लेन-देन के माध्यम से 126 लाख करोड़ रूपये अंतरित किये गये.
सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सीन लूंग ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह परिकल्पना पहली बार प्रधानमंत्री मोदी की 2018 की सिंगापुर यात्रा के दौरान की गई थी. प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि दो भुगतान प्रणालियों का सम्पर्क अब मूर्त रूप ले चुका है. वित्तीय लेन-देन को सुगम बनाने की दिशा में बड़ा कदम बताते हुए कहा कि यह प्रणाली कम खर्च में तेज और सुविधाजनक पैसे भेजने की सुविधा देगी. इससे दोनों देशों के बीच व्यापार को बढ़ाने में सहायता मिलेगी.