भारती सिंह
नई दिल्ली. एक ओर जहां कोरोना संकट से निपटने के लिए घोषित लॉकडाउन के चलते सभी मंदिरों के कपाट और धार्मिक कार्यक्रम बंद हैं, वहीं धार्मिक संस्थानों, मठ मंदिरों ने अपने कोष के द्वार खोल दिए हैं. छोटे बड़े मंदिर व धार्मिक संस्थान विपदा की स्थिति में फंसे लोगों की सहायता के लिए धन व अन्य सामग्री उपलब्ध करवा रहे हैं. अपने आस पास के क्षेत्रों में सेवा कार्य कर रहे हैं. दूसरी ओर एक जमात ऐसी भी है जो लॉकडाउन का उल्लंघन कर देश समाज के लिए संकट पैदा कर रही है. देश का हर छोटा बड़ा मठ मंदिर अपनी पहुंच के अनुसार जरूरतमंदों की सहायता कर रहा है.
अभी तक प्राप्त जानकारी के अनुसार चीनी वायरस के संकट से निपटने के लिए श्री तिरुपति बालाजी मंदिर ट्रस्ट ने 200 करोड़ दान दिया है. इसी प्रकार माता वैष्णो देवी मंदिर ट्रस्ट ने सात करोड़ रुपए दिए हैं. राजस्थान के श्री खाटूश्याम जी मंदिर ने ग्यारह लाख रुपये का दान किया है. श्रीसालासर बालाजी धाम ने ग्यारह लाख रुपये दान किए हैं.
शिरडी साईं बाबा मंदिर ने कोरोना महामारी से जंग में निपटने के लिए 51 करोड़ रुपये दान किया है. साईं मंदिर ट्रस्ट ने महाराष्ट्र मुख्यमंत्री राहत कोष में भेजा है.
सोमनाथ मंदिर, राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री केशूभाई पटेल की अध्यक्षता वाले श्रीसोमनाथ ट्रस्ट की ओर से एक करोड़ रुपये का दान मुख्यमंत्री राहत कोष में दिया गया है. अब तक लगभग 3,500 व्यक्तियों और संस्थाओं ने सेवा भाव से योगदान किया है.
सिद्धिविनायक मंदिर, मुंबई स्थित सिद्धिविनायक मंदिर ट्रस्ट द्वारा कोरोना संकट को लेकर रक्त संकलन करने का संकल्प किया है. लोगों से अपील कर कहा गया है कि जो लोग मंदिर में रक्तदान करना चाहते हैं वो फोन करके अपना नाम, पता बता दें.
आरासुरी अंबाजी माता देवस्थानम मंदिर ट्रस्ट की ओर से भी कोरोना महामारी संकट के समय में एक करोड़ एक लाख रुपये दान किए गए हैं. साथ ही अंबाजी द्वारा जरूरतमंदों को फूड पैकेट तथा उनके भोजन की व्यवस्था भी प्रारंभ कर दी गई है.
श्रीकृष्ण जन्मस्थान प्रकल्प – कोरोना वायरस संकट के समय मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान प्रकल्प सेवा-संस्थान द्वारा असहाय तीर्थयात्री, साधु-संतों व जरूरतमद को भोजन कराया जा रहा है. संकट की घड़ी में सेवा भावना, धैर्य व सावधानी से ही कष्टों का निवारण संभव है.
बिहार के पटना में स्थित महावीर मंदिर न्यास ने एक करोड़ की धनराशि दान दी है. महावीर मंदिर न्यास के सचिव किशोर कुणाल ने कहा कि अगर सरकार उन्हें गरीबों को भोजन उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी देती है तो वो इसके लिए भी तैयार हैं.
उज्जैन स्थित महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति ने पांच लाख रुपये दान किया है. इसके साथ मंदिर प्रबंधन की ओर से प्रतिदिन असहाय, निशक्त और जरूरतमंद लोगों को निःशुल्क भोजन की व्यवस्था की गई है.
नित्य चिंताहरण गणपति मंदिर ट्रस्ट द्वारा कोरोना महामारी के समय एक लाख ग्यारह हजार दान दिया गया है. इसके साथ ही बिलासपुर में स्थित मां महामाया मंदिर ट्रस्ट की ओर से कोरोना वायरस से निपटने के लिए मुख्यमंत्री सहायता कोष में पांच लाख ग्यारह हजार रुपये दान दिया है.
तमिलनाडु के कांची मठ ने भी कोरोना के खिलाफ जंग में सहयोग के रूप में प्रधानमंत्री राहत कोष व मुख्यमंत्री राहत कोष में 10-10 लाख रुपए की राशि दान की है. Tirutani Murugan Temple प्रबंधन ने यात्रियों व मजदूरों के लिए भोजन की व्यवस्था की है. दासया ट्रस्ट द्वारा भी भोजन व राशन वितरण का कार्य किया जा रहा है.