नई दिल्ली. गत 15 दिनों में भारत के चार मोस्ट वांटेड आतंकी मारे गए हैं. इन आतंकियों की भारत में आतंकी गतिविधियों को बढ़ाने में बड़ी भूमिका थी. विशेषकर जम्मू कश्मीर में कई आतंकी घटनाओं को इनके इशारों पर अंजाम दिया गया था. सभी आतंकियों की मौत लगभग एक जैसे ही हुई है. आतंकियों को अज्ञात हमलावरों ने निशाना बनाकर हत्या की. तीन आतंकियों की समस्याओं से जूझ रहे पाकिस्तान में हत्या की गई है. वहीं एक आतंकी की अफगानिस्तान में हत्या हुई है. इन आतंकियों को भारत सरकार ने व्यक्तिगत तौर पर UAPA एक्ट के तहत नामित आतंकी घोषित किया था.
आतंकी बशीर अहमद पीर
रावलपिंडी में हिजबुल मुजाहिद्दीन के टॉप कमांडर रहे बशीर अहमद पीर की हत्या कर दी गई थी. 20 फरवरी को हिजबुल मुजाहिद्दीन का टॉप कमांडर बशीर अहमद पीर अपने घर के पास मस्जिद में नमाज पढ़ने गया था. मस्जिद से बाहर निकलने के बाद वह एक दुकान के पास खड़ा हो गया. इसी दौरान दो हमलावर बाइक से आए और गोली मारकर बशीर की हत्या कर दी.
पिछले साल, 4 अक्तूबर को केंद्र सरकार ने आतंकी इम्तियाज आलम उर्फ बशीर अहमद पीर को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम UAPA के तहत आतंकी घोषित किया था. जम्मू-कश्मीर में कई आतंकी घटनाओं को अंजाम देने में आतंकी बशीर का हाथ रहा है.
बशीर अहमद पीर मूल रूप से जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के बाबरपोरा इलाके का रहने वाला था. हिजबुल के चीफ सैयद सलाहुद्दीन के साथ भागकर पाकिस्तान चला गया था. फ़िलहाल कई वर्षों से वह पाकिस्तान के रावलपिंडी में रहता था.
आतंकी बशीर पर 23 मई, 2019 को कश्मीर में अल-कायदा की शाखा अंसार गजवत-उल-हिंद के मुख्य कमांडर जाकिर मूसा को मारने का आरोप था. बशीर को ISI ने जम्मू-कश्मीर में आतंकियों की घुसपैठ कराने का जिम्मा सौंप रखा था. रावलपिंडी में इम्तियाज को किसने मारा, ये पता नहीं है.
रिपोर्ट्स के अनुसार, मार्च 2007 में पाकिस्तानी सेना के ‘सैन्य खुफिया निदेशालय’ ने आतंकी बशीर को हिरासत में लिया था. उस समय उसने अपने ‘उत्तरी डिवीजन कमांडर’ मोहम्मद शफी डार को मजबूत करने के लिए 12 आतंकियों की एक टीम भेजी थी. हालांकि, आईएसआई (ISI) के आदेश पर उसे जल्द ही रिहा कर दिया गया. आतंकी बशीर अहमद उर्फ़ इम्तियाज आलम हाजी, पीर और इम्तियाज के कोड नाम से जम्मू कश्मीर में आतंकी घटनाओं को अंजाम देता था. पाकिस्तान की सरकार ने उसे अपने देश की नागरिकता दी थी.
आतंकी सैयद खालिद रज़ा
पाकिस्तान के कराची शहर में 26 फरवरी, रविवार को आतंकी संगठन ‘अल बद्र’ के पूर्व कमांडर सैयद खालिद रज़ा की अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी. रिपोर्ट्स के अनुसार, आतंकी सैयद खालिद रज़ा कराची स्थित अपने घर के बाहर ही अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी.
अल बद्र एक कट्टरपंथी संगठन है, जो जम्मू-कश्मीर में आतंकियों को प्रशिक्षित करवाता था. जांच में पता चला है कि शूटर वेल ट्रेंड था. उसने सैयद खालिद रजा के सीधे सिर में गोली मारी. हमलावर ने पहले रज़ा की पहचान की थी, इसके बाद इस हमले को अंजाम दिया.
बताया जाता है कि कश्मीर में कश्मीरी हिन्दुओं की टारगेट किलिंग में भी आतंकी खालिद रजा का हाथ था. यहां वह स्लीपर सेल तैयार करवाता था और आतंकियों को मदद मुहैया करवाता था. 90 के दशक में उसने उत्तरी कश्मीर संभाग में 100 आतंकियों का नेटवर्क खड़ा किया था. खालिद रजा नब्बे के दशक में करीब 8 साल तक जम्मू-कश्मीर में अल-बद्र आतंकी संगठन का कमांडर था.
आतंकी सैयद नूर
पाकिस्तान में भारत के एक और दुश्मन का खात्मा हो गया. अज्ञात बंदूकधारियों ने खैबर पख्तूनख्वा में आतंकी कमांडर सैयद नूर शालोबार की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी. भारत में आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देने में शामिल रहा है.
घटना खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के बारा में शनिवार 04 फरवरी को हुई. यहां कुछ लोगों ने आतंकी कमांडर सैयद नूर शालोबार को कई गोलियां मारीं. इससे सैयद नूर शालोबार ने मौके पर ही दम तोड़ दिया.
आतंकी एजाज अहमद अहंगर
22 फरवरी को आतंकी एजाज अहमद अहंगर की अफगानिस्तान में हत्या कर दी गई थी. एजाज लंबे समय से इस्लामिक स्टेट के लिए सक्रिय था और भारतीयों पर आत्मघाती हमलों को अंजाम दिलवाता था. अहंगर को इसी साल जनवरी में गृह मंत्रालय ने आतंकी घोषित किया था. इसका नाम अबू उस्मान अल-कश्मीरी भी था. इस पर घाटी में कई साजिशें रचने का भी आरोप था.
1974 में श्रीनगर में पैदा हुआ एजाज अहमद अहंगर जम्मू-कश्मीर में दो दशक से अधिक समय से वांछित आतंकवादी था. खूंखार आतंकी एजाज विभिन्न आतंकवादी समूहों के बीच समन्वय चैनल बनाकर जम्मू-कश्मीर में आतंक संबंधी रणनीतियों की योजना लंबे समय से बनाता आ रहा था. गृह मंत्रालय के अनुसार एजाज कश्मीर में उग्रवाद को बढ़ावा देने की दिशा में काम कर रहा था और उसने अपने कश्मीर आधारित नेटवर्क में शामिल करने के लिए लोगों की पहचान करने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी.