करंट टॉपिक्स

सत्य को स्थापित करने में समय लगता है – अनंत विजय

Spread the love

भरतपुर. वरिष्ठ पत्रकार अनंत विजय ने कहा कि भ्रमित होकर जिस झूठ को सच मान लिया था, इसके खिलाफ आज छोटी सी शुरुआत हुई है. सत्य को स्थापित करने में समय लगता है. हम इस दिशा में बढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि ब्रजभाषा के बिना हिंदी की कल्पना ही नहीं की जा सकती. हिंदी भाषा का इतिहास ब्रजभाषा से ही शुरू होता है. ब्रजभाषा को हिंदी से अलग नहीं किया जा सकता, हमें हमारी भाषा की ताकत पर गौरव होना चाहिए. पत्रकार विजय अनंत शनिवार को ब्रज संवादोत्सव को संबोधित कर रहे थे.

उन्होंने अनेक विदेशी लेखकों की पुस्तकों पर प्रश्न उठाते हुए कहा कि भारत की परम्पराओं को खारिज करने की प्रवृत्ति विदेशी लेखकों की पुस्तकों में मिलती है. कई पुस्तकों में भारत की परंपराओं का उपहास उड़ाया गया. लेकिन, आज विज्ञान ने भारत के ग्रंथों का सच साबित कर दिया है.

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिये सच सिद्ध कर रहा है, तब हम इसे सच मान रहे हैं. जो लोग भारत के पौराणिक ग्रंथों को मिथकीय ग्रंथ और मिथकीय चरित्र कहते थे, उस तर्क को विज्ञान खारिज कर रहा है. यह भारत की संस्कृति की सिद्धता है. शिक्षा पाठ्यक्रम पर कहा कि छात्रों को वास्तविकता नहीं बताई गई. सच्चाई को उजागर करने वाली पुस्तकों को प्रतिबंधित किया गया.

राजस्थान ब्रज अकादमी के अध्यक्ष डॉ. रामकृष्ण शर्मा ने कहा कि ब्रज की संस्कृति छह हजार वर्ष पुरानी है और सारे संसार को प्रेम और भाईचारे का संदेश देने वाली है. ब्रज संवाद उत्सव की प्रशंसा करते हुए कहा कि ब्रज मंथन जैसी संस्थाएं जीवन मूल्यों की रक्षा कर रही हैं. राष्ट्र निर्माण जीवन मूल्यों से होता है और जीवन मूल्यों की रक्षा संस्कृति से होती है.

उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण जो मनन करते थे, उसे कर्म रूप में उतारते थे. इसलिए कृष्ण योगेश्वर कहलाए. जबकि भीष्म पितामह मनन तो करते थे, लेकिन उसे कर्म रूप में नहीं उतार पाते थे. इसलिए कर्म प्रमुख हैं.

राजस्थान फिल्म फेस्टिवल की डायरेक्टर अंशु हर्ष ने कहा कि ब्रज संवाद उत्सव में आकर अलग अनुभूति हो रही है. ब्रज की समृद्ध साहित्य परम्परा रही है. बचपन से हम भजन सुनते आ रहे हैं, जो ब्रज की धरा के इर्दगिर्द घूमते हैं. ब्रजभाषा में उतारी गई कहानियां हम दादी- नानी से सुनते आए हैं. कार्यक्रम में लेखिका जेएन ऋषि वंशी की पुस्तक कृष्णांशी का विमोचन भी किया गया.

अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर आयोजित ब्रज संवादोत्सव में पहले दिन शनिवार को दो सत्रों का आयोजन हुआ.

उत्सव समिति के संयोजक जैनेन्द्र ने बताया कि ब्रज संवादोत्सव का शुभारम्भ प्रसिद्ध फ़िल्म समीक्षक व सीनियर कॉलमिस्ट अनन्त विजय व राजस्थान ब्रजभाषा अकादमी के अध्यक्ष डॉ. रामकृष्ण शर्मा और राजस्थान फिल्म फेस्टिवल की संस्थापक अंशु हर्ष द्वारा मां सरस्वती व गिरराज महाराज के चित्र पर दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया. उद्घाटन सत्र के बाद फिल्मों से स्व का बोध विषय पर पैनल डिस्कशन हुआ. समारोह में सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हुआ.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *