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जम्मू कश्मीर – नई सरकार के गठन के बाद बढ़े आतंकी हमले, 15 दिनों में 19 टारगेट किलिंग

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जम्मू-कश्मीर. राज्य में लगभग एक दशक बाद नई सरकार के गठन के साथ ही आतंकी घटनाएं बढ़ती दिख रही हैं. राज्य में उमर अब्दुल्ला सरकार के शपथ ग्रहण के बाद, पिछले 4 बड़े आतंकी हमले बिगड़ते हालात की ओर इशारा कर रहे हैं. शोपियां, गांदरबल, त्राल और बारामूला में आतंकी हमलों से स्थिति चुनौतीपूर्ण दिख रही है. पिछले 15 दिनों में ही विभिन्न आतंकी घटनाओं में 19 निर्दोष लोग मारे जा चुके हैं.

बारामूला

बारामूला जिले में आतंकियों ने गुरुवार देर शाम एक सैन्य वाहन को निशाना बनाया. हमले में 2 सैनिक वीरगति को प्राप्त हो गए और 2 सिविलियन पोर्टर भी मारे गए हैं, जो सेना के साथ सामान लाने में मदद करते थे. हमले में अन्य 3 जवान भी घायल हो गए हैं. गुलमर्ग स्की रिसॉर्ट के पास बूटा पाथरी इलाके के नागिन चौक पर स्थित ‘राष्ट्रीय राइफल्स’ के वाहन पर हमला हुआ. इस आतंक-मुक्त समझे जाने वाले क्षेत्र में यह घटना पर्यटकों और नागरिकों के बीच भी भय का माहौल पैदा कर रही है.

अधिकारियों ने हमले के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि गुरूवार शाम को गुलमर्ग स्की रिसॉर्ट के पास बूटा पाथरी इलाके के नागिन चौक पर आतंकियों ने ‘राष्ट्रीय राइफल्स’ (आरआर) के एक वाहन पर गोलीबारी की. गुलमर्ग और बूटा पाथरी जैसे इसके ऊपरी इलाकों में पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है और यह जगह प्रकृति प्रेमियों की पसंदीदा है. ऐसे में इस स्थान को चिन्हित कर आतंकियों ने हमले को अंजाम दिया है.

इससे पहले पुलवामा के त्राल में उत्तर प्रदेश के बिजनौर निवासी शुभम कुमार पर आतंकियों ने हमला किया था. शुभम वहां मजदूरी कर रहे थे. आतंकियों के डायरेक्ट फयरिंग में उन्हें गोली लगी, लेकिन गनीमत रही कि गोली उनके हाथों पर लगी अस्पताल में इलाज के बाद उनकी हालत स्थिर है. पिछले कुछ दिनों में यह प्रवासी मजदूरों पर तीसरा हमला था.

18 अअक्तूबर को बिहार के मजदूर अशोक कुमार चौहान की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. 20 अक्तूबर को गांदरबल में एक इंफ्रा कंपनी के श्रमिकों के शिविर पर हमला किया गया, जिसमें एक डॉक्टर सहित कुल 7 लोगों की मौत हुई थी. यह हमला श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक सुरंग परियोजना पर काम कर रहे निर्दोष श्रमिकों पर हुआ.

हमलों का कारण?

जम्मू-कश्मीर में हाल ही में संपन्न हुए चुनाव और नई सरकार का गठन पाकिस्तान और उसके पाले हुए आतंकी व अलगाववादी संगठनों के लिए चिंता का कारण बना हुआ है. जम्मू-कश्मीर में शांति और विकास को देखकर उनके मंसूबों पर पानी फिरता नजर आ रहा है. लिहाजा आतंकी लगातार निर्दोष लोगों को निशाना बनाकर यहाँ शांति और स्थायित्व को चुनौती दे रहे हैं, ताकि क्षेत्र में अस्थिरता बनी रहे. हालाँकि सतर्क सुरक्षाबलों द्वारा लगातार उनके मंसूबों को नाकाम भी किया जा रहा है. हाल की घटनाओं के बाद जम्मू कश्मीर के LG मनोज सिन्हा और केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सुरक्षाबलों को आतंकवाद का सफाया करने की खुली छुट दे रखी है. सुरक्षाबल भी विभिन्न क्षेत्रों में तैनाती बढ़ाकर आतंकियों की खोजबीन में जुटे हैं.

गंभीर चिंता का विषय – उमर अब्दुल्ला

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने हाल के सभी आतंकी हमलों की निंदा करते हुए इन्हें “गंभीर चिंता का विषय” बताया. उन्होंने एक्स पर कहा, “बूटा पाथरी में सेना के वाहन पर हमले की दुर्भाग्यपूर्ण खबर मिली है, जिसमें कई लोग हताहत हुए हैं. कश्मीर में सिलसिलेवार आतंकी हमले चिंता का विषय हैं”.

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