ग्वालियर. वरिष्ठ पत्रकार एवं मप्र के पूर्व सूचना आयुक्त विजय मनोहर तिवारी ने आद्य पत्रकार देवर्षि नारद जयंती पर पत्रकारिता सम्मान एवं संवाद कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में कहा कि केवल घटना के पीछे भागना ही पत्रकारिता नहीं है, बल्कि पत्रकारिता का क्षेत्र बेहद व्यापक है. किसी समाचार या संस्कृति की जड़ों में जाना ही असल पत्रकारिता है. ठीक यही काम आद्य पत्रकार देवर्षि नारद जी किया करते थे. हालांकि उनके किरदार को बिगाड़ने का काम समय-समय पर होता रहा है, जिसमें कुछ फिल्मों की भी भूमिका रही है. लेकिन अब उन परिस्थितियों को बदला जा रहा है. हालांकि कुछ विकृति अभी भी है.
मामा माणिकचंद वाजपेयी स्मृति सेवा न्यास द्वारा ‘वर्तमान राष्ट्रीय परिदृश्य में पत्रकारिता, विश्वसनीयता और नई चुनौतियां’ विषय पर आयोजित समारोह के मुख्य अतिथि जीवाजी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. अविनाश तिवारी, विशिष्ट अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मध्य क्षेत्र कार्यकारिणी सदस्य यशवंत इंदापुरकर थे. कार्यक्रम संयोजक बलराम सोनी एवं चयन समिति के अध्यक्ष बृजमोहन शर्मा भी मंचासीन रहे.
मुख्य वक्ता ने कहा कि 50-60 के दशक में फिल्मों में देवर्षि नारद जी के चरित्र को विदूषक के रूप में प्रस्तुत किया गया. उन्होंने कहा कि आप अपनी जड़ों से कटे हुए हैं तो कोई भी आपकी धारणाओं को बदलने का काम करेगा. पूरे भारत की यह त्रासदी रही है कि आजादी के बाद भी वह अपनी जड़ों से कटा रहा. इसी वजह से अयोध्या में हमारे रामलला को वर्षों तक टेंट में बैठे रहना पड़ा. इससे हमारी आस्था को चोट पहुंचती रही, लेकिन अब माहौल सकारात्मक होने लगा है और रामलला भी भव्य मंदिर में विराजमान हो गए हैं.
मुख्य अतिथि प्रो. अविनाश तिवारी ने कहा कि देश में आज सकारात्मक और तथ्यपरक पत्रकारिता की जरूरत है. इसी से समाज में समरसता आएगी. विशिष्ट अतिथि यशवंत इंदापुरकर ने कहा कि नारद जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित यह कार्यक्रम भारत की चेतना जाग्रत करने में सहायक होगा. जिस तरह एनेस्थिसिया विशेषज्ञ शरीर को निश्चेत कर देता है, उसके बाद शरीर की शल्य चिकित्सा होती है, उसी तरह विदेशी लोगों ने रोजगार, संस्कृति देने के नाम पर हमारे देश के लोगों की संज्ञा का हरण कर लिया था, लेकिन आज देश फिर से जाग्रत होने लगा है. पत्रकारों से आह्वान किया कि वह मामा माणिकचंद वाजपेयी के आदर्शों को अपनाते हुए सकारात्मक पत्रकारिता करें.
कार्यक्रम के प्रारंभ में सरस्वती वंदना रितिका प्रजापति, अतिथि परिचय गोपाल गुप्ता ने दिया. कार्यक्रम की प्रस्तावना बलराम सोनी ने रखी. कार्यक्रम का संचालन राजेश वाधवनी एवं आभार प्रदर्शन प्रवीण दुबे ने किया.
लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार डॉ. सुरेश सम्राट, वरिष्ठ पत्रकार सम्मान राजीव अग्रवाल (स्वदेश), प्रवासी पत्रकार अनुराग उपाध्याय (दखल न्यूज चैनल), इलेक्ट्रॉनिक मीडिया रिपोर्टर सुशील कौशिक (न्यूज-18), फोटो जर्नलिस्ट राकेश वर्मा (नई दुनिया), वीडियो जर्नलिस्ट करन वारसी (बंसल समाचार), आउटपुट विभावसु तिवारी (दैनिक भास्कर), आंचलिक पत्रकार हरिओम गौड़ (नईदुनिया), सांध्य दैनिक/ लघु समाचार पत्र सम्मान राजेश शर्मा (स्वास्तिक टुडे), वेब पोर्टल/ डिजिटल मीडिया अतुल सक्सेना (एमपी ब्रेकिंग न्यूज), युवा पत्रकार अनिल शर्मा (राज एक्सप्रेस), हरपाल सिंह चौहान, एफएम आरजे सतेंद्र शर्मा (94.3 माय एफएम), महिला पत्रकार खुशी बैशांदर (एमपी तक), कर्मवीर सम्मान (श्रेष्ठ हॉकर) स्वामी प्रसाद पाठक (सुदर्शन एक्सप्रेस) को दिया गया.