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”वंदेमातरम गाकर शुरू होने वाली पत्रकारिता वंदेमातरम का विरोध करने लगी है”

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उदयपुर. वर्तमान मीडिया पर विचारधारा का प्रभाव स्पष्ट दिखाई देता है, वंदेमातरम गाकर शुरू होने वाली पत्रकारिता वंदेमातरम का विरोध करने लगी है.

पांचजन्य के सम्पादक हितेष शंकर ने उदयपुर के प्रताप गौरव केन्द्र के पद्मिनी सभागार में विश्व संवाद केन्द्र की ओर से आयोजित आद्य संवाददाता महर्षि नारद जयंती पत्रकार सम्मान समारोह में संबोधित किया. उन्होंने राष्ट्रीय आंदोलन से लेकर वर्तमान तक पत्रकारिता की यात्रा पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि भारत की पत्रकारिता दुनिया का अनूठा उदाहरण है. राष्ट्र का नेतृत्व करने वाले तिलक, गांधी, मालवीय, बाबा साहब आम्बेडकर, लाजपत राय, डॉ. हेडगेवार आदि ने राष्ट्र सेवा का माध्यम पत्रकारिता को बनाया. मर्यादित भाषा में सत्य कहने का साहस भारतीय पत्रकारिता का गुण रहा है.

उन्होंने कहा कि आपातकाल के समय देश की पत्रकारिता के स्वरूप में बदलाव आया. वर्तमान मीडिया पर विचारधारा का प्रभाव स्पष्ट दिखाई देता है, वंदेमातरम गाकर शुरू होने वाली पत्रकारिता वंदेमातरम का विरोध करने लगी है. उन्होंने सभी पत्रकारों से आह्वान किया कि वर्तमान में सत्य के साथ साहसी पत्रकारिता की आवश्यकता है. पत्रकारिता ही एक ऐसा पेशा है जो समाज को अन्याय, दुराचार, भ्रष्टाचार जैसे तमाम दुर्गुणों से मुक्त करने की ताकत रखता है.

कार्यक्रम के अध्यक्ष एमडीएस विश्वविद्यालय अजमेर एवं गोविन्द गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय बांसवाड़ा के पूर्व कुलपति प्रो. कैलाश सोडाणी ने कहा कि जब हम पत्रकारिता के सारथी पत्रकार की बात करते हैं तो समाज यह अपेक्षा रखता है कि एक आदर्श पत्रकार नारद जैसा भ्रमणशील, अर्जुन जैसा ध्येयनिष्ठ, एकलव्य जैसा अध्यवसायी, श्री कृष्ण जैसा कर्मयोगी एवं श्रीराम जैसा मर्यादावादी गुणों से सम्पन्न होना चाहिए. उन्होंने पत्रकारों के वेतन-भत्तों को भी समुचित बनाए जाने को जरूरी बताया.

दैनिक जागरण के वरिष्ठ पत्रकार सुभाष शर्मा व राजस्थान पत्रिका से जुड़े कोटड़ा के पत्रकार नारायण लाल वडेरा को पगड़ी, उपरणा, दुशाला, ग्यारह हजार का चेक, स्मृति चिह्न, सम्मान पत्र एवं श्रीफल देकर सम्मानित किया गया.

कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन कर एवं प्रेक्षा बोहरा के काव्य गीत से हुआ. समिति के सचिव कमल प्रकाश रोहिला ने विश्व संवाद केंद्र का परिचय दिया. कार्यक्रम का संचालन सरोज कुमार ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापन विकास छाजेड़ ने किया.

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