कानपुर. क्षेत्र के एक विद्यालय में हिन्दू छात्र-छात्राओं को कलमा पढ़ाया जा रहा था. रविवार को इसका एक वीडियो सोशळ मीडिया पर वायरल होने के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया.
मामले शिक्षा विभाग से संबंधित होने के कारण पुलिस ने डीएम को रिपोर्ट देने के साथ जांच शुरू कर दी है. डीएम ने भी मामले में जांच के आदेश दिए हैं. हालांकि, स्कूल प्रबंधन द्वारा पुलिस को दिए स्पष्टीकरण में चारों धर्म की प्रार्थनाएं कराने का दावा किया है.
घटना को लेकर रविवार को एक वीडियो इंटरनेट मीडिया में तेजी से वायरल हुआ. अभिषेक मिश्रा के नाम से बने अकाउंट से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तर प्रदेश पुलिस और कमिश्नरेट पुलिस को टैग करते हुए वीडियो ट्वीट किया. वीडियो में एक महिला और उसकी बेटी दिखाई पड़ रही है. वीडियो बनाने वाले ने दोनों के चेहरे नहीं लिए हैं.
महिला कह रही है कि स्कूल में बच्चों को रोजाना प्रार्थना के समय कलमा पढ़ाया जाता है. महिला ने बच्ची से पूछा तो उसने कहा कि रोज पढ़ाया जाता है. इस दौरान कुछ अन्य महिलाओं की आवाज भी सुनाई दे रही है, जो हिन्दू बच्चों को कलमा पढ़ाने का विरोध कर रही हैं. 59 सेकेंड का यह वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी. पुलिस ने शुरुआती जांच रिपोर्ट डीएम को भी भेजी है.
स्कूल प्रबंधन ने पुलिस को दी सफाई, बंद होगी प्रार्थना
दैनिक जागरण की रिपोर्ट के अनुसार, स्कूल प्रधानाचार्य से संपर्क नहीं हुआ. एसीपी सीसामऊ निशांक शर्मा ने बताया कि उनकी स्कूल प्रबंधक सुमित मखीजा से वार्ता हुई तो उनके द्वारा बताया गया कि स्कूल में हिन्दू, मुस्लिम, सिक्ख और इसाई चारों धर्मों की प्रार्थना 12-13 सालों से की जा रही है. कभी किसी ने विरोध नहीं किया.
चार दिन पहले एक अभिभावक की ओर से इसे लेकर आपत्ति जताई गई थी. अभिभावक की आपत्ति के मद्देनजर पहले ही आदेश कर दिया है कि अब कोई धार्मिक प्रार्थना नहीं कराई जाएगी. स्कूल में केवल राष्ट्रगान होगा.