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तिरंगामय काशी, उत्तर एवं दक्षिण भाग में निकली तिरंगा यात्रा

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काशी. रविवार को काशी में भव्य तिरंगा यात्रा का आयोजन किया गया. काशी उत्तर एवं दक्षिण भाग में विभिन्न स्थानों पर तिरंगा यात्रा के माध्यम से लोगों ने स्वाधीनता से स्वतंत्रता की ओर कदम बढ़ाया. महानगर में उत्साह और हर्षोल्लास के साथ स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव मनाया गया. काशी उत्तर भाग के अमृत महोत्सव आयोजन समिति द्वारा बारह स्थानों से बाइक रैली निकाली गई. भव्य यात्रा के दौरान भारत माता की जय और वन्देमातरम का गगनभेदी उद्घोष कर रहे लोगों में देशभक्ति का उत्साह दिखा.

सभी बारह स्थानों से निकली तिरंगा यात्रा भारत माता मंदिर पहुंची. मुख्य वक्ता अमृत महोत्सव आयोजन समिति के संयोजक प्रो. आनंद शंकर सिंह ने कहा कि यह देश हजार वर्षों तक बाहर से आए आक्रांताओं के आगमन के बाद से सदैव संघर्षरत रहा. समूचा भारतवर्ष कभी भी पराधीन नहीं रहा. कला, औषधि, शास्त्र, ज्ञान, पराक्रम और विश्वबन्धुत्व का श्रेष्ठ आधार भारत में विराजमान है. भारत सांस्कृतिक राष्ट्रीयता की संकल्पना करता है. कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कैप्टन ओमकार नाथ दूबे ने कहा कि अनेकों देश भारत के मित्र हैं, लेकिन चीन कभी भी विश्वसनीय देश नहीं रहा. उसने हमेशा भारत को छला है, हमें सावधान रहना है. सेना के शौर्य और सुसज्जित हथियारों एव जवानों हौसले का विस्तार से वर्णन किया. सेना के आत्मबल की सबसे बड़ी ताकत उसके देश की जनता है. विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ समाजसेवी एवं विधि विशेषज्ञ डॉ. वीरेंद्र जी ने कहा कि जो देश सोने की चिड़िया था. आज कहाँ है, इसके कारणों को समझना महत्वपूर्ण है. हमारी मातृभूमि से अलग दो अन्य देशों को विश्व ने भले ही मान्यता दे दी, पर आज भी वे गुलाम हैं. देश को शिखर पर ले जाने के लिए विरोध करने वाले तब भी जयचंद और मिर्जा जयसिंह के रूप में थे और आज भी उनकी संख्या पर्याप्त है. समाज को, जातियों में बांटने का कुत्सित प्रयास किया और यही नहीं देश को हिन्दू और मुस्लिम में बांटने का षडयंत्र कर रहे हैं.

इससे पूर्व सभी स्थानों से निकली बाइक रैली में शामिल नागरिकों ने भारत माता मंदिर पहुंचकर पदयात्रा निकाली. जो इंग्लिशिया लाइन, मलदहिया चौराहा, फातमान रोड, सिगरा थाना, आईपी मॉल, साजन चौराहा होते हुए पुनः भारत माता मंदिर पहुंची. तत्पश्चात भारत माता मंदिर परिसर में भारत माता के चित्र पर पुष्पांजलि तथा दीप प्रज्ज्वलन के बाद संस्कार भारती के कलाकारों द्वारा नाट्यमंचन तथा देशभक्ति गीत प्रस्तुत किया गया. कार्यक्रम का समापन राष्ट्रीय गीत वन्देमातरम से हुआ.

इन स्थानों से निकली तिरंगा यात्रा

  • पहली- चितरंजन पार्क से
  • दूसरी- टाउन हॉल मैदान मैदागिन से
  • तीसरी- राजघाट काशी स्टेशन से
  • चौथी- भरत मिलाप मैदान नाटी इमली से
  • पांचवी- लहुराबीर पुष्पांजलि होटल के पीछे से
  • छठी – नदेसर विवेकानंद जी की मूर्ति से
  • सातवीं – बेचू महादेव मंदिर महमूरगंज से
  • आठवीं- शिवपुर रेलवे क्रॉसिंग दुर्गा कंपलेक्स
  • नौवीं- चांदमारी स्टेट बैंक से
  • दसवीं- लमाही से
  • ग्यारहवीं- पहाड़िया चौराहा से
  • बारहवीं- गौरा कला से

काशी दक्षिण भाग

काशी दक्षिण भाग में गंगा नगर के मलहिया, मदरवां बस्ती के जनमानस एवं सेवा भारती बाल संस्कार केंद्र के संयुक्त तत्वाधान में कार्यक्रम आयोजित किया गया. शहीद भगत सिंह के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन के पश्चात विशाल तिरंगा यात्रा का आयोजन हुआ. मुख्य वक्ता राधेश्याम द्विवेदी जी (वि.हि.परिषद, सदस्य- मार्गदर्शक मंडल अमृत महोत्सव समिति) ने आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम पर प्रकाश डाला.

केशव नगर के महामनापुरी में भव्य तिरंगा यात्रा निकाली गई. कार्यक्रम में राष्ट्रगान के बाद अमृत महोत्सव के संबंध में पाथेय कार्यक्रम संयोजक दयाशंकर मिश्र ने दिया. यात्रा महामना पार्क से जंगमपुर से हैदराबाद गेट होते हुए नाशिरपुर, विवेकनगर, विवेकानंद नगर से महामना पार्क में समापन हुआ.

दक्षिण भाग के खोजवां में भी भव्य तिरंगा यात्रा निकाली गयी. तिरंगा यात्रा में शंकुल धारा पोखरा संस्कृत विद्यालय के बटुकों ने भी भाग लिया. यह यात्रा आदर्श पुस्तकालय से गांधी चौक, नवाबगंज, गुरुधाम, काश्मीरीगंज,  शंकुल धारा होते हुए वापस आदर्श पुस्तकालय पर समाप्त हुई.

इसी क्रम में कामाख्या नगर के अपना पार्क निवासियों ने भव्य तिरंगा यात्रा निकाली. तिरंगा यात्रा कैलाश मठ से गैबी चौराहा, सुदामा पुर, विनायका कालोनी, कमच्छा, रथयात्रा बिरदोपुर होते हुए कैलाश मठ पर समाप्त हुई. यात्रा के अंत में वेद प्रकाश जी ने अमृत महोत्सव के बारे में विस्तार से जानकारी दी.

लहरतारा क्षेत्र के विवेकानंद नगर में भारत माता और रानी लक्ष्मीबाई के तैल चित्र कर आरती उतारी गयी. तिरंगा यात्रा के दौरान भारत माता की जय और वंदे मात्रम का गगन भेदी नारा लगता रहा. इसके अतिरिक्त कबीर नगर क्षेत्र में भी तिरंगा यात्रा का आयोजन किया गया.

रामनगर में सायर माता मंदिर (काली माता मंदिर) पर भारत माता पूजन का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रगान से हुई. इसके उपरांत उपस्थित लोगों ने भारत माता के चित्र का पूजन किया और रंगोली के सुंदर सजावट से भारत माता का चित्र बनाकर उनकी आरती उतारी.

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