काशी. विश्व संवाद केन्द्र काशी (काशी प्रान्त) के तत्वाधान में 10, 11, 12 फरवरी, 2023 को काशी शब्दोत्सव नाम से वैश्विक स्तर के वैचारिक संवाद का आयोजन किया जा रहा है, जिसका मुख्य उद्देश्य भारत एवं माँ भारती के पुत्र एवं पुत्रियों को भारतीय ज्ञान, धर्म, संस्कृति और परम्परा की प्रासंगिकता को स्थानीय स्तर से लेकर राष्ट्रीय और अन्तरराष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में बताना है. भारतीय ज्ञान-परम्परा की वैश्विक दृष्टि कितनी मूल्यवान है, इसको ही आधार बनाकर संवाद केन्द्रित होंगे.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के सह प्रचार प्रमुख मनोजकांत ने कहा कि काशी देश की सांस्कृतिक राजधानी कही जाती है. हम काशी की ज्ञान परम्परा, गरिमा एवं वैश्विकता के अनुरूप ही हर सत्र का आयोजन कर रहे हैं. काशी दुनिया को संस्कार, संस्कृति और परम्परा के माध्यम से शब्दों की उत्सवधर्मिता एवं मानवता का संदेश देती रही है. यह आयोजन वैचारिक चिंतन-मंथन के माध्यम से देश और दुनिया के बौद्धिक समाज को अमृत प्रदान करने वाला होगा. अतः इस आयोजन के लिए काशी को ही चुना गया है. इसीलिए तो इसका नाम काशी शब्दोत्सव रखा गया है.
काशी शब्दोत्सव के माध्यम से हम देश विदेश के लेखकों, विचारकों को काशी में त्रिदिवसीय आयोजन के मंच पर लाने का प्रयास कर रहे हैं और विश्व को काशी के संदेश से अवगत कराना चाहते हैं. हमारा प्रयास होगा कि काशी शब्दोत्सव में सभी भाषा-भाषी क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व हो, जिससे भारतीय ज्ञान परम्परा की अटल गहराइयों के साथ-साथ उसकी उच्चता और शुद्धता का अध्ययन हो सके.
काशी के विद्वानों के साथ-साथ देश के नागरिकों में भारतीय ज्ञान परम्परा में रूचि रखने वाले सभी काशी शब्दोत्सव आयोजन के साक्षी बनेंगे.
शब्दोत्सव में शास्त्र और लोक, पुरातन और अद्यतन, परम्परा और विज्ञान, योग और अध्यात्म इन सबका समन्वय दिखाई देगा.
इस आयोजन में राष्ट्रीय पुस्तक न्यास नई दिल्ली भी सहभागी है. पुस्तक मेला भी आयोजित होगा. वाराणसी जनपद एवं आसपास के शैक्षिक परिसरों के छात्र छात्राओं एवं अध्यापक अध्यापिकाओं को जोड़ने का निरन्तर प्रयास चल रहा है. जिससे पाठकों, सुधी विद्वानों के साथ ही अन्यान्य बुद्धिजीवियों को भी राष्ट्रीय एवं विश्व स्तरीय साहित्य सुगमता से उपलब्ध हो सके.
हमारा प्रयास है कि यह सारा संवाद सकारात्मक एवं रचनात्मक दृष्टि उत्पन्न करने वाला बने. जिससे भारतीय समाज और विश्व को हमारे मूल तत्वज्ञान के साथ ही व्यावहारिक ज्ञान का बोध कराया जा सके. इसीलिए इस आयोजन में भारत बोध को भी समाहित किया गया है. हम काशी की विभूतियों को एक मंच पर लाने का प्रयास कर रहे हैं. जिससे ज्ञान संस्कृति और परम्परा के संगम का यह अनूठा आयोजन बन सके.
काशी शब्दोत्सव में देश के शब्दधर्मी, उत्सवधर्मी लोकप्रिय एवं सम्मानित महानुभावों की उपस्थिति हो रही है. जिसमें केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, प्रख्यात वक्ता मनोज मुन्तशिर, चाणक्य धारावाहिक के विख्यात प्रस्तोता डॉ. चन्द्रप्रकाश द्विवेदी जैसे अपने क्षेत्र के दिग्गज अपने विचारोत्तेजक विचार रखेंगे.
काशी शब्दोत्सव काशी की परम्परा का आयोजन है, काशीवासियों का आयोजन है. यह ज्ञान व भक्ति पद्धतियों का आयोजन है. अतः हम काशी के नागरिकों का आह्वान करते हैं कि वे इस आयोजन के साथ अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें और इसे सार्थक बनाएं.