नई दिल्ली. किसान रेल का उद्देश्य किसानों-बागवानों के उत्पादों को सर्वसुलभ बाजार उपलब्ध करवाकर उनकी आय को दोगुना करना है. ट्रेन की मदद से किसान देश के कोने-कोने से फल, फूल, सब्जी जैसे उत्पादों को कम समय में लाकर ज्यादा मुनाफा कमा पाएंगे. अगर ये सामान ट्रक से जाता है तो बाजार (मंडी) तक पहुंचने में कई दिन का समय लग जाता है और ज्यादा सामान खराब हो जाता है. ट्रेन में कंटेनर फ्रीज की तरह होंगे. मतलब यह एक चलता-फिरता कोल्ड स्टोरेज होगा. इसमें किसान खराब होने वाले सब्जी, फल, फिश, मीट, मिल्क रख सकेंगे. इससे उनका नुकसान कम होगा, और उन्हें उत्पाद के अच्छे दाम मिल सकेंगे.
इसी क्रम में एक किसान रेल नागपुर से संतरों को लेकर रवाना की गई. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार शाम को नागपुर से 205 टन संतरे से लदी ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर दिल्ली के लिए रवाना किया. नागपुर संतरों के लिए जाना जाता है और यह विशेष ट्रेन कटोल, नारखेड़, पांढुर्ना, बैतूल और इटारसी के संतरा उत्पादन वाले क्षेत्रों में रुकेगी. संतरा उत्पादन करने वाले किसानों और व्यापारियों के लिए रैक (डिब्बे) की बुकिंग के लिए एक वेबसाइट भी प्रारभ की गई है. जिसके माध्यम से किसान बुकिंग कर सकते हैं.
इस विशेष किसान ट्रेन में 12 वीपीयू डिब्बे होंगे. गडकरी ने कहा कि किसान ट्रेन क्षेत्र में संतरे और सब्जी उत्पादन करने वाले किसानों के लिए वरदान साबित होगी. इससे पहले भी देश के कई हिस्सों में किसान ट्रेन शुरू की गई हैं. इसके अलावा आंध्र प्रदेश से दिल्ली तक प्रतिदिन दूध दूरंतो (दूध ट्रेन) भी चलाई जा रही है.