राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व सरकार्यवाह व वर्तमान में अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य भय्याजी जोशी ने कहा कि स्वर्गीय प्रदीप केतकर संघ के एक समर्पित कार्यकर्ता थे, जिन्हें भौगोलिक सीमाओं की बाधाएं कभी नहीं रही. वे स्वर्गीय प्रदीप केतकर की स्मृति में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में बोल रहे थे.
उन्होंने कहा कि संघ एक संस्कार है, एक विचार है. वृक्ष का विकास अच्छी तरह से होने के लिए उसे कलम करने का एक तरीका होता है, लेकिन केवल उन्हीं पेड़ों को कलम करना संभव होता है जिनकी जड़ें मजबूत होती हैं. साधारण लोग किसी विशेष क्षेत्र अथवा जिले के होते हैं. लेकिन स्व. केतकर जैसे कार्यकर्ता संघ के होते हैं. संघ में अनुशासन केवल शरीर का नहीं, बल्कि मन और विचारों का भी होता है. स्व. केतकर एक समर्पित व्यक्तित्व थे, जिन्होंने देश और समाज के लिए काम किया. वह एक आदर्श व्यक्तित्व थे जो अपने जीवन में आचरण किए विचारों को अगली पीढ़ी तक पहुंचा सके थे.
पश्चिम महाराष्ट्र प्रांत संघचालक नानासाहेब जाधव ने स्वयं जलगांव जिले में संघ प्रचारक रहते हुए स्व. केतकर के साथ किए कार्यों को याद किया. उन्होंने कहा कि स्व. केतकर ने परिवार, नौकरी और संघ की त्रिसूत्री का बेहतरीन प्रबंधन किया.
अंग्रेजी साप्ताहिक ऑर्गनाइजर (दिल्ली) के संपादक व स्व. केतकर के पुत्र प्रफुल्ल केतकर ने कहा कि सरकारी सेवा में रहते हुए भी केतकर ने संघकार्य में कोई बाधा नहीं आने दी. वे एक शिक्षक थे, जिसके कारण उन्होंने कई लोगों को अंग्रेजी और गणित विषय में मार्गदर्शन किया.
इस अवसर पर गणमान्य व्यक्तियों का परिचय नासिक शहर के कार्यवाह संजय चंद्रात्रे ने करवाया. संचालन नासिक शहर सहकार्यवाह डॉ. अविनाश भावसार ने किया.
सभा में पश्चिम महाराष्ट्र प्रांत के विभिन्न संस्था व संगठनों के पदाधिकारी और स्वयंसेवक उपस्थित थे. केतकर परिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रा. स्व. संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय जी होसबाले और संस्कार भारती के अ. भा. अध्यक्ष वासुदेवजी कामत से शोक संदेश प्राप्त हुए हैं.