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लंदन की अदालत ने नीरव मोदी के भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी दी

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नई दिल्ली. पंजाब नेशनल बैंक घोटाले में भारत के हाथ बड़ी सफलता लगी है, तथा भगोड़े हीरा कारोबारी को झटका लगा है. लंदन की अदालत ने नीरव मोदी के भारत प्रत्यर्पण पर 25 फरवरी को निर्णय सुनाया और अदालत ने नीरव मोदी को भारत भेजने पर अपनी मुहर लगा दी. हालांकि कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि नीरव मोदी को प्रत्यर्पित किए जाने के बाद भारत में न्याय पाने का अधिकार है. साथ ही नीरव मोदी की उस दलील को भी ठुकरा दिया, जिसमें नी​रव मोदी ने आर्थर रोड जेल को असुरक्षित बताया था. कोर्ट ने कहा कि मुंबई की आर्थर रोड जेल की बैरक नंबर 12 नीरव मोदी के लिए पूरी तरह से सुरक्षित है.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ब्रिटिश अदालत ने कहा कि नीरव के खिलाफ भारत में एक मामला है, जिसका उसे जवाब देना है. नीरव मोदी ने सबूत नष्ट करने और गवाहों को डराने के लिए साजिश रची.

नीरव मोदी 13 हजार करोड़ रुपये के घोटाले का आरोपी है. उसने यह घोटाला अपने मामा मेहुल चौकसी के साथ मिलकर पंजाब नेशनल बैंक के साथ किया था.

फैसले के बाद उस पर अंतिम मुहर लगाने के लिए यह मामला ब्रिटेन की गृहमंत्री प्रीति पटेल के पास जाएगा. नीरव को प्र‌र्त्यपण वारंट के संबंध में 19 मार्च, 2019 को गिरफ्तार किया गया था. नीरव मोदी पर दो केस चल रहे हैं, इनमें से एक पंजाब नेशनल बैंक में धोखाधड़ी का मामला सीबीआइ और दूसरा मनी लांड्रिंग का मामला ईडी देख रही है.

रिपोर्ट्स के अनुसार ब्रिटिश अदालत के जज ने कहा कि नीरव मोदी को मुंबई के आर्थर रोड जेल में पर्याप्त चिकित्सा और मानसिक स्वास्थ्य देखभाल की व्‍यवस्‍था की जाए. ब्रिटेन के न्यायाधीश ने नीरव मोदी के बचाव के दावे को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि कानून और न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने उनके खिलाफ मामले को प्रभावित करने की कोशिश की. नीरव इस समय लंदन की वैंड्सवर्थ जेल में बंद है और उसका प्रत्यर्पण कर भारत लाने के लिए अदालत में मामला चल रहा है.

ब्रिटेन की गृहमंत्री प्रीति पटेल के पास भारत-ब्रिटेन प्रत्‍यर्पण समझौता के तहत नीरव मोदी के प्रत्‍यर्पण पर आखिरी फैसला लेने का अधिकार है. ऐसा करने के लिए उनके पास दो माह का वक्‍त है.

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