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भगवान वाल्मीकि, रामायण और श्रीराम एक दूसरे के संपूरक हैं – पूज्य स्वामी विवेकनाथ महाराज

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नई दिल्ली. श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के लिए रेसकोर्स स्थित बी.आर. कैंप में निधि समर्पण कार्यक्रम आयोजित किया गया. हिन्दू समाज के अग्रणी राष्ट्रीय संत पूज्य स्वामी विवेकनाथ महाराज द्वारा भगवान वाल्मीकि की भजनों द्वारा स्तुति की. विवेकनाथ महाराज ने बताया कि जब हम भगवान वाल्मीकि का गुणगान करते हैं तो रामायण से जुड़ते हैं और जब रामायण से जुड़ते हैं तो प्रभु श्रीराम से भी जुड़ जाते हैं. रामायण, श्रीराम और भगवान वाल्मीकि यह तीनों एक दूसरे के संपूरक हैं. आज हम श्रीराम जी को जानते हैं तो वो भगवान वाल्मीकि जी की कृपा से जानते हैं, इसलिए भगवान वाल्मीकि प्रथम हैं. मानव कल्याण और मानव उत्थान के लिए उन्होंने रामायण का निर्माण किया. रामायण में हमें कर्तव्य का बोध करवाया गया है. अपराध के लिए सजा का भी बोध करवाया गया है कि अपराध करने वाला चाहे कितना भी शक्तिशाली, ताकतवर हो, उसे दंड की प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा. रामायण के अतिरिक्त भगवान वाल्मीकि ने ‘महारामायण’ महाकाव्य की भी रचना की जो मानव को मोक्ष व मुक्ति की ओर ले जाता है. इस समय सम्पूर्ण भारत में हम अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण प्रारंभ होने की खुशी मना रहे हैं, यह अवसर हमें भगवान वाल्मीकि जी ने रामायण के माध्यम से दिया है.

विश्व हिन्दू परिषद् के अंतर्राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद और संतों के सहमति से श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के डिजाइन में परिवर्तन करके अब इसमें पांच मंडप बनाकर इसका स्वरुप और विस्तृत व विशाल किया जाएगा. मंदिर के पीछे संग्रहालय का भी निर्माण होगा, जिसमें राम जी की सारी कथा व उनके जीवन से जुड़े प्रसंगों को साल के 365 दिनों वहां देख सकेंगे. भगवान राम जी के जीवन से जुड़े सभी प्रसंगों को वहां सजीव चित्रण होगा.

उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम ने वन जाते समय सामाजिक समरसता के लिए अनेक कार्य किये. उस समय भिन्न-भिन्न जातियां जो पिछड़ी रह गईं थीं, जिनमें कुछ को वानर, भालू, गिद्ध कहते थे उन सब से मित्रता करके उनको गले लगाया. श्रीराम को मिलने के लिए जब केवट गए तो उनसे गले मिलने के लिए प्रभु राम खड़े हो गए. केवट के संकोच करने पर रामजी ने केवट से उस समय कहा था – ‘मैं जाति से किसी को छोटा या बड़ा नहीं मानता’. ऐसे हम सबके श्रीरामजी का मंदिर अयोध्या में बन रहा है. इसके लिए बहुत से धन की आवश्यकता पड़ेगी, लेकिन सरकार से कोई सहायता नहीं ली जाएगी. समाज के सभी जनों के योगदान से श्रीराम जन्मभूमि मंदिर बनेगा.

इस दौरान अनेक स्थानीय लोगों ने श्रीराम मंदिर के लिए निधि समर्पण किया. कार्यक्रम से पूर्व चाणक्यपुरी में मानस मार्ग पर सनातन धर्म मंदिर में अल्पाहार हुआ.

कार्यक्रम समापन के पश्चात स्वामी विवेकनाथ महाराज की अगुवाई में अलोक कुमार के साथ निधि समर्पण कार्यकर्ताओं ने श्रीराम के भजन गाते हुए रेसकोर्स स्थित बी.आर. कैंप बस्ती में घर-घर जा कर मंदिर के लिए निधि एकत्रित की. कार्यक्रम में विहिप दिल्ली प्रान्त उपाध्यक्ष सुरेंद्र गुप्ता, मातृशक्ति संयोजिका सुनीता शुक्ला विशेष रूप से उपस्थित रहे.

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