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मध्यप्रदेश – चाय वाले की बेटी बनी फ्लाइंग ऑफिसर, पासिंग आउट में राष्ट्रपति पट्टिका से सम्मानित

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भोपाल (विसंकें). मध्यप्रदेश की आंचल गंगवाल ने एयरफोर्स में फ्लाइंग ऑफिसर बन कर प्रदेश का मान बढ़ाया है. पासिंग आउट परेड में राष्ट्रपति पट्टिका से सम्मानित किया गया. आंचल के पिता नीमच बस स्टैंड के पास आज भी चाय बेचते हैं. बेटी की सफलता की पर उनकी आंखों से खुशी के आंसू छलक आए.

नीमच में चाय की टपरी चलाने वाले की बेटी ने फ्लाइंग ऑफिसर बनकर मध्यप्रदेश का नाम रोशन किया है. आंचल गंगवाल को हैदराबाद में पासिंग आउट परेड में राष्ट्रपति पट्टिका से सम्मानित किया गया है. आंचल पासिंग आउट परेड में ग्रुप को लीड करने वाली एकमात्र महिला ऑफिसर थीं. सन् 2013 में उत्तराखंड में आई त्रासदी में वायु सेना के शौर्य को देखकर आंचल वायु सेना में जाने के लिए प्रेरित हुईं और उन्होंने वायु सेना में जाने का मन बनाया.

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आंचल ने वायुसेना में जाने के लिए दो सरकारी नौकरी छोड़ दी थीं. आंचल का मध्यप्रदेश पुलिस में सब इंस्पेक्टर के पद पर चयन हुआ था, इसके बाद लेबर इंस्पेक्टर के रूप में भी काम किया. इसी दौरान उनका सिलेक्शन वायु सेना के लिए हो गया. मध्यप्रदेश के नीमच की बेटी ने परिवार का गौरव बढ़ाया है. साथ ही मध्यप्रदेश का नाम भी ऊंचा किया है. चाय विक्रेता की बेटी आंचल गंगवाल को वायु सेना में फ्लाइंग ऑफिसर पर कमीशन मिला है. आंचल के पिता आज भी नीमच में चाय की दुकान चलाते हैं. साथ ही उनकी मां भी घर में सिलाई का काम करती हैं. माता-पिता ने अपने तीन बच्चों का भरण पोषण मुश्किल हालातों में किया है. उसी का परिणाम है कि आज उनकी बेटी इस ऊंचाई पर पहुंची है. 20 जून को हैदराबाद में संयुक्त स्नातक पासिंग आउट परेड का आयोजन किया गया था.

मार्च पास्ट के बाद आंचल गंगवाल को राष्ट्रपति पट्टिका से सम्मानित किया गया. आंचल को भारतीय वायु सेना प्रमुख बीकेएस भदौरिया की मौजूदगी में फ्लाइंग ऑफिसर के रूप में शामिल किया गया. आंचल बचपन से ही पढ़ने के साथ-साथ दृढ़ निश्चय थीं. आंचल के फिजिकल ट्रेनर कृष्णपाल सिंह ने बताया कि लक्ष्य को हासिल करने के लिए आंचल जी-जान से जुट गई और लक्ष्य हासिल कर ही रूकी. जब पासिंग आउट परेड में बेटी को मार्च पास्ट करते परिवार ने देखा तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा. परिजनों की आंखों से आंसू छलक आए. हालांकि उनके पिता सुरेश को कार्यक्रम में शिरकत करने हैदराबाद जाना था, लेकिन कोरोना महामारी की वजह से ऐसा नहीं हो सका. उन्होंने घर पर ही गौरवमयी पल को ऑनलाइन प्रसारण के माध्यम से देखा.

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