महासमुंद. जिले के बसना नगर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन कथा स्थल में घर वापसी कार्यक्रम संयोजक प्रबल प्रताप सिंह जूदेव, संपत अग्रवाल, आचार्य राकेश, कपिल शास्त्री, तारा कांत प्रधान, चतुर्भुज आर्य, वासुदेव शास्त्री,घनश्याम द्वीप,रामचंद्र अग्रवाल, प्रद्युमन सिंह ने बुलंदशहर उत्तर प्रदेश के पंडित हिमांशु कृष्ण भारद्वाज महाराज के उपस्थिति में 11 सौ लोगों की तांबे के पात्र में गंगा जल डाल कर पैरों को धुलवा कर सनातन धर्म में वापसी करवाई. सनातन धर्म में वापसी करने वाले लोगों को पंडित हिमांशु कृष्ण महाराज ने सनातन धर्म की शपथ दिलाई. साथ ही कहा कि आज से आप सनातनी हैं. इन लोगों का कहना है कि वे सभी भटक गए थे, इसलिए उन्होंने धर्म छोड़ दिया था.
ईसाई धर्म से वापस हिन्दू बने लोगों का कहना है कि वे सभी भटक गए थे, इसलिए उन्होंने अपने धर्म को छोड़ दिया था. लेकिन जब उन्हें अपनी गलती का एहसास हुआ, तब वे वापस आ गए. श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह आयोजन के दौरान घर वापसी कर हिन्दू बने लोगों को कथावाचक पंडित हिमांशु कृष्ण भारद्वाज महाराज ने अपना आशीर्वाद दिया, इसमें सैकड़ों की संख्या में महिलाएं व पुरुष शामिल थे. प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने जय जय श्री राम के जयकारे के साथ अपने संबोधन में कहा कि सर्वप्रथम श्रीमद्भागवत कथा आयोजन समिति को कोटि कोटि नमन करते हैं, जिन्होंने श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह का भव्य आयोजन किया.
कार्यक्रम के दौरान हमारे सनातन धर्म से जो अनेक ग्रामों के लगभग 325 परिवारों के 11 सौ लोग बिछड़ गए थे, उन्हें पुनः सनातन धर्म में वापसी कराया गया. उनके पिता दिलीप सिंह जूदेव के नेतृत्व में जो यह घर वापसी अभियान की शुरुआत किया गया था, उसे हम सब मिलकर आगे बढा रहे हैं. हिन्दू बचाना, हिन्दू बनाना, मंदिर बनाने से भी बहुत बड़ा कार्य है. हिन्दू घटा है, जब-जब हिन्दू बंटा है, पूर्वजों का सम्मान करें, हिन्दुत्व राष्ट्रीयता का प्रतीक है, आओ हम सब मिलकर हिन्दू राष्ट्र का निर्माण करें. डॉ. सम्पत अग्रवाल ने कहा कि आज श्रीमद्भागवत कथा के दौरान 11 सौ लोगों की घर वापसी उनके पांव धो कर करवाई गई है, यह सनातन एकता, वैभवशाली सनातन संस्कृति की देन है.