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सत्य घटनाओं पर आधारित फिल्में बनाएं, नकल न करें

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ग्वालियर। आईआईटीटीएम में आयोजित दो दिवसीय ‘ग्वालियर शॉर्ट फिल्म फेस्टिवल’ के समापन समारोह में वक्ताओं ने कहा कि फिल्म समाज का आईना होती है। लेखक की जिम्मेदारी होती है कि वह फिल्म के माध्यम से समाज को सच्चाई से अवगत कराएं। फिल्म निर्माता सत्य घटनाओं पर आधारित गंभीर फिल्में बनाएं। किसी भी फिल्म की नकल न करें।

मनोहारी सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ कार्यक्रम का समापन ओम नम: शिवाय फेम प्रख्यात अभिनेता समर जयसिंह एवं चर्चित फिल्म ‘द कन्वर्जन’ के निर्माता-निर्देशक विनोद तिवारी, प्रख्यात फिल्म निर्देशक देवेंद्र मालवीय, प्राध्यापक डॉ. श्रीनिवास सिंह, विक्रांत विश्वविद्यालय के कुलगुरू के सान्निध्य में हुआ। अध्यक्षता सतपुड़ा चलचित्र समिति मध्य प्रदेश के अध्यक्ष लाजपत आहूजा ने की।

विनोद तिवारी ने नए फिल्म निर्माताओं से कहा कि वह गंभीर विषयों पर फिल्में बनाएं। हालांकि ऐसी फिल्में बनाने में थोड़ी परेशानी भी आती है। अपना उदाहरण देते हुए बताया कि जब उन्होंने लव जिहाद फिल्म बनाई तो इसे सेंसर बोर्ड ने प्रसारित करने की अनुमति नहीं दी। 14 बार फिल्म को रिजेक्ट किया गया। न्यायालय की वजह से यह फिल्म प्रदर्शित हो पायी। मेरी आगे भी कोशिश रहेगी कि फिल्मों के माध्यम से समाज को सच्चाई से अवगत कराता रहूं।

अभिनेता समर जय सिंह ने आयोजन के लिए सतपुड़ा चलचित्र, भोपाल एवं विश्व संवाद केंद्र, भोपाल का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि नए कलाकारों को मंच मिलने से वह प्रोत्साहित होंगे। उन्हें मुंबई जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। उन्होंने कलाकारों से आह्वान करते हुए कहा कि वह समाज में घटित घटनाओं के आधार पर फिल्म बनाएं। समर जय सिंह ने फिल्मकारों से कहा कि वह नकल करके फिल्में नहीं बनाएं।

फ़िल्म निर्देशक देवेंद्र मालवीय ने फिल्मकारों से कहा कि अगर आपके पास विचार हैं तो आप ग्वालियर में भी फिल्में बना सकते हैं।

4 कैटेगिरी में 73 फिल्मों का प्रदर्शन

ग्वालियर शॉर्ट फिल्म फेस्टवल में चार श्रेणी (कैटेगरी) शॉर्ट फिल्म, डॉक्युमेंट्री, कैंपस फिल्म एवं रील्स कैटेगरी की 73 फिल्मों का प्रदर्शन किया गया।

कैंपस फिल्म कैटेगरी में प्रथम स्थान पर ध्रुव तारा फिल्म रही, इसके डायरेक्टर नवीन कुमार थे। दूसरे स्थान पर आशीष मिश्रा द्वारा निर्देशित फिल्म कहानी एवं तीसरे स्थान पर विजय बोडके की फिल्म किताबी मस्ती रही। डाक्युमेंट्री कैटेगरी में प्रथम सेकेंड चांस (फिल्म निर्माता हर्षित मिश्रा), द्वितीय स्थान पर गल देव: एक अनोखी मान्यता (तनिष्क भूरिया) और तीसरे स्थान पर काशी: आदि, अंत और मोक्ष (दिव्यांशी बुंदेला) रही। शॉर्ट फिल्म श्रेणी में प्रथम लोन आसान दरों पर (आशीष जी), द्वितीय फोन कॉल (विशेष शर्मा), तृतीय स्थान पर अब होगा इंसाफ फिल्म (विजय तिवारी) रही। रील कैटेगरी में प्रथम धरती पुत्र अगरिया (कृतार्थ देव चतुर्वेदी) और स्पेशल जूरी अवार्ड डॉक्युमेंट्री चंबल: सत्य और मिथ्या (आशुतोष भार्गव), डिग्री फिल्म (दीपक दुबे) को दिया गया।

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