नई दिल्ली. भ्रष्टाचार के आरोपी टी.एम.सी. के दो मंत्री एवं एक विधायक को पूछताछ के लिये ले जाने पर टी.एम.सी. गुंडों द्वारा सी.बी.आई. कार्यालय के बाहर केंद्रीय सुरक्षा बल पर हमले की अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने कड़ी निन्दा की और कहा कि बंगाल में क़ानून व्यवस्था को हाशिये पर पहुंचाने और अराजकता को बढ़ावा देने में बंगाल की मुख्यमंत्री स्वयं ज़िम्मेदार है.
तृणमूल नेताओं की गिरफ़्तारी के विरोध में टी.एम.सी. के गुंडे सी.बी.आई. के कार्यालय के सामने लॉकडाउन और कोविड प्रोटोकोल की धज्जियां उड़ाकर प्रदर्शन करने एकत्रित हुए, वहां उपस्थित केंद्रीय सुरक्षा बलों द्वारा रोकने पर उन्होंने केंद्रीय सुरक्षा बल पर हमला किया जो अत्यंत ही निंदनीय है.
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के अ. भा. मंत्री सप्तर्षि सरकार ने कहा कि, “बंगाल में चुनाव नतीजों की घोषणा के बाद न्याय एवं क़ानून व्यवस्था हाशिये पर पहुंच गयी है. अभी तक तो विपक्षी पार्टी और राजनैतिक लोगों को निशाना बनाया जा रहा था, आज केंद्रीय सुरक्षा बल पर हमला करके टी.एम.सी. गुंडों ने राज्य सरकार के संरक्षण को जग ज़ाहिर कर दिया है.”
महामंत्री निधि त्रिपाठी ने कहा कि, “जिस राज्य में मुख्यमंत्री स्वयं महिलाओं के साथ हुये दुराचार, हत्या और शारीरिक शोषण की घटनाओं पर आंख मूंद कर बैठी रही, आज भ्रष्टाचार के आरोपियों को बचाने के लिए स्वयं सी.बी.आई. दफ़्तर पहुंचकर अपने पार्टी के लोगों से केन्द्रीय सुरक्षा बल पर हमला करवा रही है.”