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प. बंगाल में बड़े पैमाने पर हिंसा, 11 भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या, हजारों घरों में तोड़फोड़

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पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद से ही बड़े पैमाने पर हिंसा का दौर जारी है. चुनाव परिणाम आने के 24 घंटे के अंदर ही तृणमूल के गुंडों ने भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमले शुरू कर दिए. नंदीग्राम में भाजपा कार्यालय में तोड़फोड़ के अलावा कई हिस्‍सों में भाजपा कार्यकर्ताओं पर बमों से हमले किए गए. राजनीतिक हिंसा में अब तक 11 भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गई है, जबकि कई गंभीर रूप से घायल हैं. दंगाइयों ने घर और दुकानें भी जला दीं. लगभग चार से पांच हजार घरों को नुकसान पहुंचाने के साथ ही महिला कार्यकर्ताओं से दुर्व्यवहार के अलावा दुकानें लूटने की भी सूचनाएं हैं. राज्‍य में जारी हिंसा के विरुद्ध वरिष्‍ठ अधिवक्‍ता गौरव भाटिया सर्वोच्‍च न्‍यायालय में याचिका दाखिल की है.

हिंसा की सूचनाएं आते हुए करीब 40 घंटे हो गए हैं, लेकिन हैरत की बात है कि इन खबरों को लेकर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मीडिया खामोश है. भारतीय मीडिया में छिटपुट खबरें हैं, जिन्हें जोड़कर देखने पर ही हिंसा की तस्वीर उभरती है.

हालांकि चुनाव आयोग ने कोविड-19 की भयावह स्थिति को देखते हुए परिणाम आने के बाद किसी प्रकार के जश्न मनाने के लिए मना किया था, पर रविवार दिन में ही परिणाम आते-आते जश्न मनाने का सिलसिला शुरू हो गया था. सोमवार को भारतीय जनता पार्टी ने तृणमूल कांग्रेस पर आरोप लगाया था कि उसके कार्यकर्ताओं पर हमले कर रहे हैं.

भाजपा ने अपने पार्टी कार्यालय में आगजनी का वीडियो भी साझा किया, जिसमें बांस की बल्लियां और छत जलती हुई नजर आ रही है. परेशान लोगों को चिल्लाते हुए भागते देखा जा सकता है. सोशल मीडिया पर मृत व्यक्तियों की तस्वीरें और एक दुकान से कपड़े लूट कर भागते लोगों की फुटेज भी वायरल हो रही है. भाजपा ने इसका आरोप तृणमूल पर लगाया है. घर में घुसकर मारपीट के अनेक वीडियो भी वायरल हो रहे हैं.

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने आरोप लगाया कि नतीजों के बाद उनकी पार्टी के करीब 100 दफ्तरों और कार्यकर्ताओं के घरों को तबाह कर दिया गया और कुछ को आग के हवाले कर दिया गया है. पार्टी की दो महिला पोल एजेंटों के साथ गैंगरेप हुआ है. पार्टी कार्यकर्ता अभिजीत सरकार ने फेसबुक पर लाइव आकर गुंडागर्दी के बारे में बताया था. इसके कुछ ही घंटों बाद उनकी हत्या कर दी गई. इस तरह की कई हत्याएं हुई हैं.

हिंसा की इन रिपोर्टों के बावजूद ममता बनर्जी नहीं मानतीं कि हिंसा के पीछे उनकी पार्टी का हाथ है. अलबत्ता उन्होंने अपने समर्थकों से शांति बनाए रखने और उकसावे में नहीं आने की अपील की है. राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने प्रदेश के गृह सचिव, पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) और कोलकाता के पुलिस आयुक्त को तलब कर उन्हें शांति बहाल करने के निर्देश दिए हैं.

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से इन घटनाओं से जुड़ी तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है. हिंसा में घायलों को देखने और मारे गए भाजपा कार्यकर्ताओं के परिजनों को सांत्वना देने पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा आज बंगाल दौरे पर हैं. उन्होंने मंगलवार को हिंसा के शिकार कार्यकर्ताओं से मिले.

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