करंट टॉपिक्स

प्रेरक घटनाएं पाठ्यक्रम का हिस्सा न होना दुर्भाग्यपूर्ण – निम्बाराम जी

Spread the love

जयपुर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, राजस्थान क्षेत्र के क्षेत्र प्रचारक निम्बाराम जी ने कहा कि यह हमारा दुर्भाग्य है कि प्रेरणा देने वाली घटनाएं आज हमारे पाठ्यक्रम का हिस्सा नहीं हैं. जिस समाज ने लड़कर अंग्रेजों को देश से भागने को मजबूर किया, कहीं उस समाज को जानबूझकर गुमनाम तो नहीं किया जा रहा, यह निश्चित ही विचारणीय है. वे गुरूवार को सांगानेर स्थित विनायक विद्यापीठ सी.सै. स्कूल की ओर से लेखक पवन कुमार द्वारा लिखित पुस्तक ‘‘स्वातंत्र्य समर के अमर बलिदानी’’ आधारित प्रतियोगिता ‘‘आओ बच्चो क्रांतिकारियों को जानें’’ के पुरस्कार वितरण समारोह में संबोधित कर रहे थे.

निम्बाराम ने कहा कि 1857 की लड़ाई स्वतंत्रता की लडाई थी, जिसे अंग्रेजों ने सैनिक विद्रोह (गदर) कहकर प्रचारित किया. अंग्रेजों के जाने के 75 वर्ष बाद भी हम उसे सैनिक विद्रोह ही पढ़ रहे हैं. जो हकीकत है वो हमारे सामने नहीं आ रही है इससे बड़ा दुर्भाग्य और क्या हो सकता है? विनायक दामोदर सावरकर द्वारा लिखित ‘‘1857 का स्वातंत्र्य समर’’ पुस्तक आज भी हमारे पाठ्यक्रम का हिस्सा नहीं है.

उन्होंने कहा कि विद्यार्थी का काम शिक्षार्जन करना है. लेकिन अपने ही पाठ्यक्रम का जो हिस्सा है, उसी को पढ़ना चाहिए तो यह अधूरी शिक्षा है. इसलिए हमारे यहां समय-समय पर परिवारों और विद्यालयों में भी संस्कार और प्रेरणा देने वाली प्रतियोगिताएं एवं कार्यक्रम आयोजित किए जाते रहे हैं, जो सतत चलते रहने चाहिए.

उन्होंने कहा कि विदेशियों का शासन स्वीकार नहीं था, इसलिए हम लड़े और इतना लड़े कि लाखों लोगों ने इसके लिए बलिदान तक दिए. कुछ के नाम हो गए और कुछ गुमनाम जिंदगी बिता कर इस दुनिया से चले गए. ऐसे लाखों क्रांतिकारियों के बलिदान के चलते हम स्वतंत्रता की श्वास ले पा रहे हैं. उन गुमनामी बलिदानियों का स्मरण सम्पूर्ण समाज को हो, यह अमृत महोत्सव का प्रमुख उद्धेश्य है.

निदेशक रमेश गौड़ ने बताया कि देश की स्वाधीनता के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर लेखक पवन कुमार द्वारा लिखित पुस्तक ‘‘स्वातंत्र्य समर के अमर बलिदानी’’ आधारित प्रतियोगिता ‘‘आओ बच्चो क्रांतिकारियों को जानें’’ आयोतित की गई. प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को मुख्य वक्ता निम्बाराम जी द्वारा स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया.

इस अवसर पर क्रांतिकारी स्व. महावीर सिंह के नवासे राजीव चौहान, लेखक पवन कुमार भी उपस्थित रहे.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *