मुंबई. महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि जिस प्रकार नन्हीं चींटियां रत्नजड़ित महल में भी घुसने का मार्ग ढूंढ़ लेती हैं, उसी प्रकार पत्रकार भी कार्य करते हैं. वे बुराइयों में भी अच्छी बातों को समाज के समक्ष लाने का साहस एवं समर्पण प्रदर्शित करते हुए आवश्यकता होने पर समाज को आइना भी दिखाते हैं.
विश्व संवाद केंद्र मुंबई द्वारा १८ मई को आयोजित ‘देवर्षि नारद पत्रकारिता पुरस्कार’ समारोह में सम्बोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि नारद प्रथम पत्रकार थे और वे अपने इस कर्तव्य का पालन उस समय की समस्याओं के समाधान करने के लिए किया करते थे. विश्व संवाद केंद्र ऐसे ही मूल्याधारित पत्रकारिता करने वाले पत्रकारों की पीढ़ी तैयार कर रहा है.
‘पत्रकारिता जीवन गौरव पुरस्कार’ से वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश जोशी को सम्मानित किया गया. उन्होंने कहा कि अपने ४० वर्षों की पत्रकारिता के दौरान मैंने पत्रकार संगठनों के माध्यम से पत्रकारों की समस्या को सामने लाकर उनका निराकरण कराया. पत्रकारिता में विशेष योगदान के लिए एबीपी माझा की वरिष्ठ समाचार प्रस्तोता ज्ञानदा कदम को पुरस्कार प्रदान किया गया. कदम ने कहा कि पुरस्कार से उनको प्रेरणा और शक्ति मिली है और दर्शकों के विश्वास, प्रेम और समर्थन से यह पुरस्कार उनको मिला है.
विश्व संवाद केंद्र मुंबई द्वारा हर वर्ष पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए ‘देवर्षि नारद पुरस्कार’ प्रदान किया जाता है. उत्कृष्ट फोटो जर्नलिस्ट पुरस्कार लोकसत्ता के दीपक जोशी, उत्कृष्ट व्यंग चित्रकार (कार्टूनिस्ट) पुरस्कार सकाल के आलोक निरंतर, उत्कृष्ट समाचार विश्लेषक पुरस्कार घनघोर यू-ट्यूब चैनल के अश्विन अघोर को प्रदान किया गया.
वेबपोर्टल पत्रकारिता के लिए न्यूज डंका डॉट कॉम के मुख्य सम्पादक दिनेश कानजी और मुंबई विश्वविद्यालय के गरवारे इंस्टीट्यूट में मराठी विभाग के गुणवंत विद्यार्थी प्राजक्ता हरदास हिला को दिया गया.
पहली बार नारद समाज माध्यम पुरस्कार सोशल मीडिया में प्रभावी काम करने वालों को प्रदान किया गया. इस क्रम में ट्वीटर के लिए शांतनु दलाल, महाराष्ट्र के किलों का इतिहास इंस्टाग्राम के माध्यम से युवाओं तक पहुंचाने वाले आकाश नलावडे, भारतीय इतिहास पर शोधपरक लेख यू-ट्यूब के माध्यम से प्रसारित करने के लिए अभिजीत चावड़ा, भारतीय इतिहास -परम्परा – प्रकृति व मानवीय अचरज विषयों पर जानकारी फेसबुक के माध्यम से प्रस्तुत करने वाले अभिराज राज्याध्यक्ष और नियति माविंकुरे की जोड़ी को प्रदान किया गया.