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नई दिल्ली। 76वें गणतंत्र दिवस समारोह में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। इससे पूर्व राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उनके सम्मान में रात्रि भोज का आयोजन किया था। इस अवसर पर इंडोनेशिया के राष्ट्रपति ने कहा कि ‘भारत और इंडोनेशिया के आपसी संबंधों का इतिहास बेहद पुराना है। दोनों देशों की सभ्यताओं में भी जुड़ाव रहा है, यहां तक कि हमारी भाषा के कई अहम शब्द संस्कृत भाषा के हैं। हमारे कई नाम भी संस्कृत भाषा के हैं। हमारी प्रतिदिन की जिंदगी में भी प्राचीन भारतीय सभ्यता का प्रभाव है। यहां तक कि हमारे जीन्स में भी समानता है।’
‘कुछ सप्ताह पहले ही मैंने अपनी जेनेटिक्स सीक्वेंसिंग और डीएनए टेस्ट कराया। मुझे बताया गया कि मेरा डीएनए भारतीय है। सभी जानते हैं कि जैसे ही मैं भारतीय संगीत सुनता हूं, तभी मैं थिरकना शुरू कर देता हूं।’
सुबियांतो ने कहा कि मुझे यहां (भारत) आने पर गर्व है। मैं कोई खांटी राजनेता नहीं हूं, न ही अच्छा कूटनीतिकार हूं, मैं जो भी कहता हूं दिल से कहता हूं। मुझे यहां आए हुए कुछ ही दिन हुए हैं, लेकिन मैंने पीएम मोदी के नेतृत्व और उनके समर्पण से काफी कुछ सीखा है। उनका गरीबी को दूर करने और कमजोर वर्ग की मदद करने के लिए जो समर्पण है, वह हमारे लिए प्रेरणा है।’ आशा व्यक्त की कि उम्मीद जताई कि भारत और इंडोनेशिया के संबंध आगे भी मजबूत होते रहेंगे।
इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो ने भारतीय डीएनए का जिक्र हल्के-फुल्के अंदाज में किया था। प्रबोवो सुबियांतो का DNA वाला बयान सुनकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित अन्य अतिथि हंसने लगे। उन्होंने ध्यान दिलाने का प्रयास किया कि इंडोनेशिया के भारत से ऐतिहासिक संबंध बहुत पुराने हैं और भारतीय संस्कृति की जड़ें आज भी इंडोनेशिया में देखने को मिलती हैं। इंडोनेशिया में आज भी रामायण के एक रूप का मंचन होता है। गरुड़ इंडोनेशिया की मुद्रा में दिखाई देता है।
भारत-इंडोनेशिया संबंध
भारत इंडोनेशिया के संबंध रामायण काल से चले आ रहे हैं। रामायण में जिस यव द्वीप का जिक्र है, वह आज के इंडोनेशिया का जावा द्वीप है। रामायण और महाभारत दोनों का प्रभाव इंडोनेशियाई संस्कृति में आज भी दिखाई देता है। इसके अलावा इतिहासकारों को मिले प्रमाण बताते हैं कि प्रचीनकाल से भारतीय इंडोनेशिया में आते जाते रहते थे। और समुद्री व्यापार ने दोनों देशों के भूभागों को जोड़ा था।
प्राचीनकाल में भारत के कई राजाओं ने भी अपना प्रभाव इंडोनेशिया तक फैलाया था। यही कारण है कि इंडोनेशिया में आज भी प्राचीन मंदिर देखे जाते हैं। इसके अलावा बौद्ध धर्म भी इंडोनेशिया में काफी फला फूला। ऐसे में हैरानी की बात नहीं कि प्राचीन काल में भी काफी संख्या में भारतीय इंडोनेशिया में बसे और इंडोनेशिया में भारतीय डीएनए था।