नई दिल्ली. इमरान खान के नया पाकिस्तान में न हिन्दू सुरक्षित हैं और न ही हिन्दुओं की आस्था केंद्र सुरक्षित हैं. पाकिस्तान में इस्लामी कट्टरपंथियों द्वारा हिन्दुओं व हिन्दू आस्था केन्द्रों को निशाना बनाकर किए जा रहे अत्याचार थम ही नहीं रहे हैं. 04 अगस्त को पंजाब प्रांत के रहीमयार खान जिले के भोंग शरीफ क्षेत्र में स्थित सिद्धविनायक मंदिर में सैकड़ों इस्लामी कट्टरपंथियों ने जमकर उत्पात मचाया और अपने साथ लाए डंडे, ईंट, पत्थर, तथा सरियों से मंदिर में तोड़-फोड़ की. मंदिर में स्थित भगवान गणेश की मूर्ति को खंडित कर परिसर में लगे सजावटी झूमर, घंटों और कांच के अन्य सामान को बुरी तरह से नष्ट कर दिया. इतना ही नहीं मंदिर परिसर के आस-पास रहने वाले हिन्दू परिवारों पर भी कट्टरपंथियों ने हमला किया. मंदिर क्षेत्र के पास लगभग 100 हिन्दू परिवार रहते हैं.
घटना को लेकर कहा जा रहा है कि ईशनिंदा के आरोप में एक 8 वर्षीय विक्षिप्त हिन्दू बच्चे को कोर्ट से जमानत मिलने के विरोध में यह सब किया गया था. तोड़फोड़ की पूरी घटना को कट्टरपंथियों ने सोशल मीडिया पर लाइव प्रसारित भी किया.
यद्यपि पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस गुलजार अहमद ने मंदिर तोड़ने के मामले में पुलिस और अन्य अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कहा कि – ‘प्रशासन और पुलिस क्या कर रही थी, जब मंदिर पर हमला किया गया?’ उन्होंने यह भी कहा कि इस हमले से दुनिया भर में पाकिस्तान की छवि को गंभीर नुकसान पहुँचा है. ‘सोचिए कि अगर मस्जिद पर हमला होता तो मुस्लिमों की क्या प्रतिक्रिया होती.’
ऐसा पहली बार नहीं हुआ है.
वर्ष 2020 में ही घटित कुछ घटनाओं की जानकारी स्थिति को बयां करने के लिए पर्याप्त है….
– 03 जनवरी, 2020 पाक स्थित ननकाना साहिब के पवित्र गुरुद्वारे में तोड़-फोड़ कर अपवित्र करने की कोशिश की गई.
– 26 जनवरी, 2020 में सिंध में स्थित माता रानी भटियानी के मंदिर पर हमला हुआ था, जिसमें कट्टरपंथियों ने भयंकर उत्पात मचाकर मंदिर को क्षतिग्रस्त कर दिया था.
– जुलाई, 2020 में इस्लामाबाद में भगवान कृष्ण के निर्माणाधीन मंदिर पर हमला किया गया.
– अगस्त, 2020 में सिंध प्रांत के ही हनुमान मंदिर को स्थानीय बिल्डरों द्वारा ध्वस्त किया गया .
– अक्तूबर, 2020 में सिंध प्रांत के ही नगरपारकर क्षेत्र में स्थित श्रीराम मंदिर पर हमला कर मंदिर परिसर स्थित दुर्गा माता की प्रतिमा के सिर को धड़ से अलग कर दिया.
– दिसम्बर, 2020 में खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में सौ से अधिक उन्मादियों ने करक जिले के तेरी गाँव में स्थानीय मौलवी के निर्देश पर कृष्ण मंदिर में तोड़-फोड़ कर आग लगा दी थी.
घटनाओं के चलते अल्पसंख्यक हिन्दू समुदाय में एक अजीब सा डर बैठ गया है. आए दिन मंदिर तोड़ने, हिन्दू युवतियों को अगवा कर जबरन धर्म परिवर्तन कर निकाह करने की बढ़ती घटनाओं के कारण मजबूरन पाकिस्तान छोड़ने को विवश हो रहे हैं.
पाकिस्तान अल्पसंख्यकों की सुरक्षा करने में पूरी तरह से असफल रहा है. हिन्दू आबादी पर होने वाले अत्याचार सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं है. कट्टरपंथी पूजा स्थलों को ही नहीं, उनके व्यापार, घर-सम्पत्ति को भी लगातार निशाना बना रहे हैं.