नई दिल्ली.
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बब्बर खालसा के खतरनाक आतंकी तरसेम सिंह को भारत लाने में सफलता हासिल की है. आतंकी तरसेम की गिरफ्तारी सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ी उलपब्धि है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने विदेश में बैठकर ऑपरेट कर रहे आतंकी मॉड्यूल पर वार करते हुए बब्बर खालसा इंटरनेशनल के आतंकी तरसेम सिंह को गिरफ्तार किया है. उसे यूएई में पकड़ा गया था.
अब एनआईए आतंकी तरसेम सिंह से बब्बर खालसा इंटरनेशनल आतंकी संगठन के अन्य आतंकियों, भारत में उनके आतंकी मॉड्यूल को ऑपरेट कर रहे आरोपियों और बड़ी वारदातों के पीछे उसकी भूमिका को लेकर पूछताछ करेगी.
आतंकी तरसेम सिंह घोषित खालिस्तानी आतंकी लखबीर लंडा का सगा भाई है. तरसेम सिंह पाकिस्तान में बैठे आतंकी हरविंदर संधू उर्फ रिंदा और अपने भाई लखबीर लंडा के लगातार संपर्क में था. दोनों के इशारे पर भारत में आतंकी साजिशों को अंजाम दे रहा था. एनआईए के अधिकारी ने बताया कि आतंकी तरसेम सिंह पंजाब के जिला मोहाली में हुए आरपीजी अटैक का भी मास्टर माइंड है.
आतंकी तरसेम सिंह पंजाब के तरनतारन का रहने वाला है. आतंकी लखबीर लंडा के खिलाफ जून 2023 से गिरफ्तारी का गैर-जमानती वारंट जारी हुआ था. आतंकी तरसेम सिंह बब्बर खालिस्तान इंटरनेशनल आतंकी संगठन का एक प्रमुख सदस्य है और संयुक्त अरब अमीरात में बैठकर आतंकी रिंदा और लंडा का नेटवर्क ऑपरेट कर रहा था.
एनआईए की विशेष अदालत द्वारा एनबीडब्ल्यू जारी करने और उसके बाद इंटरपोल द्वारा रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने के बाद नवंबर 2023 में आतंकी तरसेम सिंह को अबू धाबी से दबोचा गया था. शुक्रवार को इंटरपोल की उचित प्रक्रियाओं का पालन करते हुए उसे संयुक्त अरब अमीरात से भारत प्रत्यर्पित कर दिया गया.
एनआईए की जांच के अनुसार, तरसेम रिंदा और लंडा के भारत स्थित सहयोगियों को आतंकी फंड की व्यवस्था करने और मुहैया कराने में सक्रिय रूप से शामिल था. वह कई मार्गों से आतंकी फंडों को ऑपरेट करता था. एनआईए ने 20 अगस्त 2022 को संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज किया था. यह मामला खालिस्तान लिबरेशन फोर्स, बीकेआई, इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन आदि जैसे प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों के प्रमुखों व सदस्यों की आतंकी गतिविधियों से संबंधित है.
एनआईए ने बताया कि आतंकी तरसेम, लंडा और रिंदा अलग-अलग आतंकी संगठनों के साथ मिलकर पंजाब के सीमा पार से हथियार, गोला-बारूद, विस्फोटक, आईईडी आदि की तस्करी के लिए आतंकी संगठनों और संगठित आपराधिक गिरोहों के सदस्यों के माध्यम से काम कर रहे हैं. एनआईए की अब तक की जांच से पता चला है कि ये सभी आरोपी आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए धन जुटाने के लिए नशीले पदार्थों की तस्करी, जबरन वसूली, हवाला कारोबार आदि का इस्तेमाल कर रहे हैं.