सेवा भारती दिल्ली के सामूहिक विवाह समारोह में लोगों का लगातार बढ़ता आकर्षण
नई दिल्ली. यदा कदा होने वाले सामूहिक वैवाहिक कार्यक्रमों में पिछले कुछ वर्षों में बड़ा ही सकारात्मक परिवर्तन देखा जा रहा है. समाज में काम कर रही सेवा भारती एक ओर उपेक्षित वर्ग के सामाजिक उत्थान के प्रति निरंतर प्रगतिशील है तो दूसरी ओर इस समाज को अपने दम पर आत्मनिर्भर बनाने के सभी प्रयासों के बीच विशेष रूप से चलाये जा रहे सामूहिक विवाह समारोह की संख्या में लगातार वृद्धि दर्ज की जा रही है. जो हर वर्ष के वैवाहिक आवेदनों के साथ-साथ आयोजन स्थलों की संख्या में लगभग दुगने से भी ज्यादा है.
इसी क्रम में 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस एवं बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर दिल्ली में 16 अलग अलग स्थानों पर कुल 100 सामूहिक विवाह कार्यक्रम आयोजित किए गए. पिछले 20 वर्षों से सेवा भारती लगातार इस प्रकार के सामूहिक विवाह कार्यक्रम आयोजित कर रही है, जिसमें 1700 से अधिक की संख्या में विवाह सम्पन्न हुए हैं.
सेवा भारती दिल्ली के महामंत्री सुशील गुप्ता के अनुसार “जाति, भाषा, क्षेत्र, मत-संप्रदाय, ऊँच-नीच, अमीर-गरीब आदि के नाम पर बिखरे हुए समाज को एक सूत्र में पिरोने के प्रयास का नाम ही सेवा भारती है. समाज में एक ओर जहाँ वंचित-उपेक्षित वर्ग है, वहीं दूसरी ओर ज़िम्मेदार व संस्कारित संपन्न समाज भी है. दोनों के बीच की कड़ी का दूसरा नाम ही सेवा भारती है. शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वावलंबन व संस्कार के माध्यम से आज के सेवित जन आने वाले कल के सेवक बनें. सेवा भारती इसी उद्देश्य की पूर्ति में पिछले 43 वर्षों से प्रयासरत है.
ये सामूहिक विवाह मात्र दो वंचित परिवारों का मिलन ही नहीं, बल्कि समाज के प्रत्येक वर्ग की सकारात्मक सोच व वंचित समाज के लिये एकजुट होकर खड़े रहने की मिसाल को भी दर्शाता है. ये दर्शाते हैं कि सभी कार्य सरकार नहीं कर सकती और समाज के अपने कर्तव्य भी हैं और इसकी शक्ति भी असीमित है.
आज सोलह स्थानों पर हुए विवाह समारोह में इन सभी बातों की स्पष्ट झलक दिखाई पड़ी. सेवा कार्य कर रहे सभी कार्यकर्ताओं व परिवारों का आभार जताया जो सेवा भारती के अभियान का हिस्सा बने. सेवा भारती समाज के उन सहयोगी व दानदाताओं का विशेष आभार प्रकट करती है, जिनके योगदान से आज का आयोजन सफल बना.