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विज्ञान भारती के संगठन सचिव जयंत श्रीकांत सहस्रबुद्धे जी का देवलोकगमन

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विज्ञान भारती के राष्ट्रीय संगठन सचिव एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक जयंत श्रीकांत सहस्रबुद्धे जी ने आज प्रातः 4 बजे अंतिम सांस ली. 03 सितंबर, 2022 को एक सड़क दुर्घटना के बाद से उपचाराधीन थे. जयंत जी ने विज्ञान भारती का कार्य विश्व पटल पर लाने में महत्वपूर्ण कार्य किया है. जयंत जी ने अपनी अल्प आयु में ही विलक्षण काम करते हुए भारतीय विज्ञान एवं भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में भारतीय वैज्ञानिकों का योगदान विषय पर नया विमर्श खड़ा करने का कार्य किया है. भारत सरकार के आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम में जनमानस तक यह विषय पहुंचाने के लिये महत्वपूर्ण योगदान दिया. जयंत जी विज्ञान भारती के अनेक आयामों एवं अनेक गतिविधियों को गति एवं मार्गदर्शन देने का कार्य कर रहे थे.

जयंत जी का जन्म 17 अप्रैल, 1966 में गिरगांव (मुंबई) में हुआ. उनके पिताजी श्रीकांत सहस्रबुद्धे जी आज भी संघ कार्य से जुड़े हैं. उनकी माताजी राष्ट्र सेविका समिति की सक्रिय कार्यकर्ता रही हैं. जयंत जी ने मुंबई विश्वविद्यालय से B. Sc Tech (Electronics) की शिक्षा प्राप्त करके भाभा अटॉमिक रिसर्च सेंटर में कुछ समय तक नौकरी की. सहस्रबुद्धे परिवार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े होने के कारण संघ संस्कार प्रारंभ से थे. उन्होंने 1989 में वह नौकरी छोड़कर संघ प्रचारक बनकर महाराष्ट्र के अनेक शहरों में कार्य किया. गोवा के विभाग प्रचारक के बाद 2001 से 2009 तक कोकण प्रांत प्रचारक रहे. स्वर्गीय संघ प्रचारक हो. वे. शेषादी जी के सचिव भी रहे है. जयंत जी 2009 से विज्ञान भारती के राष्ट्रीय संगठन सचिव की जिम्मेदारी निभा रहे थे. उनकी छवि एक प्रभावशाली अभ्यासक की रही. उनके कला एवं विज्ञान, नटराज एवं विज्ञान, स्वामी विवेकानंद और विज्ञान, भारतीय वैज्ञानिकों का जीवन, जिसमें महेंद्र लाल सरकार, प्रफुल्ल चंद्र राय, जगदीश चंद्र बोस, मेघनाद साहा, सीवी रमण आदि व्याख्यान अजरामर हैं.

विज्ञान भारती की सारी गतिविधियां, विद्यार्थी विज्ञान सयन, टेक्क फॉर सेवा, आइआइएसफ, विश्व वेद विज्ञान सम्मेलन, भारतीय विज्ञान सम्मेलन, उनके मार्गदर्शन में कार्य कर रहे थे. विज्ञान भारती के अनेक आयाम, World Ayurveda Foundation, GIST Global Indian Scientist and Technocrats Forum, NASYA – National Ayurveda Students Youth Association, शक्ति आदि को नई दिशा एवं मार्गदर्शन देने का कार्य जयंत जी कर रहे थे. विज्ञान भारती प्रार्थना करता है कि ऐसे प्रतिभा सम्पन्न मार्गदर्शक एवं बुद्धिजीवी को प्रभु अपने श्री चरणों में स्थान दे.

विज्ञान भारती के राष्ट्रीय सचिव डॉ. शेखर मांडे जी ने शोक व्यक्त  करते हुए कहा कि जयंतराव जी के निधन से विज्ञान भारती की अपूरणीय क्षति हुई है.

विनम्र श्रद्धांजलि

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