करंट टॉपिक्स

बुंदेलखंड के जलयोद्धा उमा शंकर पांडेय को पद्मश्री; सियाराम कुटीर पहुंचकर नानाजी को किया नमन

Spread the love

चित्रकूट. पानी के पहरेदार बुंदेलखंड के बांदा जिले के जखनी गांव के जल योद्धा उमाशंकर पांडेय को भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया है. यह जनपद ही नहीं, बल्कि बुंदेलखंड के लिए गौरव की बात है. उमाशंकर पांडेय ने खेत पर मेड़ और मेड़ पर पेड़ का मंत्र पूरे देश को दिया. सामुदायिक सहभागिता से उन्होंने जल संरक्षण की दिशा में अनेक कार्य किए. भारत रत्न नानाजी देशमुख के समाज मूलक कार्यों से प्रभावित उमाशंकर पांडेय दीनदयाल शोध संस्थान के सहयोगी कार्यकर्ता के रूप में कई रचनात्मक कार्यों में संलग्न रहे तथा संस्थान के साथ कंधे से कंधा मिलाकर जल प्रबंधन के क्षेत्र में बुंदेलखंड को एक नई दिशा प्रदान की है.

गणतंत्र दिवस पर उनको पदमश्री की घोषणा होते ही सर्वप्रथम उन्होंने चित्रकूट आकर सियाराम कुटीर में नानाजी के कक्ष में पहुंचकर श्रद्धा सुमन अर्पित किए. इस दौरान दीनदयाल शोध संस्थान के संगठन सचिव अभय महाजन ने शॉल, श्रीफल के साथ उनको सम्मानित किया और पदमश्री के लिए बधाइ दी.

उमाशंकर पांडेय कहते हैं कि सरकार ने उनकी उपलब्धि का मान रखते हुए उन्हें इस सम्मान से नवाजा है. 30 वर्ष से निःस्वार्थ भाव से किए कार्य का यह प्रतिफल है. उन्होंने कभी एक रुपये का सरकारी अनुदान नहीं लिया और न ही किसी पुरस्कार के लिए आवेदन किया. जब तक स्वास्थ्य ठीक है, तब तक वर्षा जल संरक्षण की दिशा में काम करते रहेंगे. पौधारोपण करके भूजल संरक्षण का प्रयास जारी रहेगा. उन्होंने समुदायिक सहभागिता से पुरखों की विधि से जल संरक्षण की मुहिम छेड़ी. गणतंत्र दिवस के अवसर पर भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया है.

केंद्र सरकार ने उनके जखनी मॉडल को बुंदेलखंड सहित देश के सूखा प्रभावित राज्यों में लागू किया है. उनके मॉडल पर किसानों ने बुंदेलखंड सहित देश के लाखों हेक्टेयर भूमि में मेड़बंदी की है.

बांदा के जखनी गांव निवासी सर्वोदय कार्यकर्ता उमाशंकर पांडेय दिव्यांग हैं. इसके बावजूद जल संरक्षण की दिशा में उन्होंने उत्कृष्ट कार्य किए हैं. उन्होंने परंपरागत विधि से बगैर सरकार की सहायता के ‘खेत पर मेड़ और मेड़ पर पेड़’ मंत्र को धरातल पर उतारा और उसे वर्षा जल संरक्षण का जरिया बनाया. उनके इस अभियान की प्रशंसा मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी कर चुके हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *