नई दिल्ली. पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों विशेषकर हिन्दुओं पर अत्याचार का क्रम निरंतर जारी है. अल्पसंख्यकों के मानवाधिकारों को लेकर आवाज उठाने वाला कोई नहीं है. अल्पसंख्यकों को भिन्न-भिन्न बहाने बनाकर प्रताड़ित किया जा रहा है. हिन्दू बच्चियों का अपहरण व धर्म परिवर्तन सामान्य घटना है.
ताजा घटना में कराची में कट्टरपंथियों की भीड़ ने एक बच्चे पर पैगंबर की ईशनिंदा के आरोप लगाया और एक प्राचीन मंदिर में जमकर तोड़फोड़ की. ल्यारी क्षेत्र में हुई घटना में कट्टरपंथियों की भीड़ ने पहले हिन्दुओं पर ईशनिंदा का आरोप लगाया और फिर बाद में प्राचीन मंदिर में तोड़फोड़ की. मंदिर में रखी भगवान गणेश और शिवजी की मूर्तियों को भी कट्टरपंथियों ने तोड़ दिया. कट्टरपंथियों ने बिना किसी ठोस सबूत के हिन्दू बच्चे पर ईशनिंदा का आरोप लगाया था.
स्थानीय हिन्दू समुदाय ने आरोप लगाया कि उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है. बताया जा रहा है कि यह मंदिर कराची के भीमपुरा क्षेत्र के ली मार्केट में स्थित था. यही नहीं मंदिर के अंदर लगी भगवान की तस्वीरों को भी फाड़ दिया गया. पिछले 20 दिनों में हिन्दू मंदिरों में तोड़फोड़ की तीसरी घटना है.
पाकिस्तान में हिन्दुओं के धार्मिक स्थलों पर हमलों, तोड़फोड़, लूटपाट की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं. कराची की घटना से पहले सिंध प्रांत के थारपारकर जिले में स्थित नागारपारकर में धार्मिक कट्टरपंथियों ने दुर्गा माता की मूर्ति को खंडित कर दिया था. हमलावरों ने मंदिर को भी नुकसान पहुंचाया था.
मंदिर के पुजारी ने बताया कि आधी रात को कुछ अज्ञात लोग मंदिर परिसर में घुसे. इसके बाद उन्होंने दरवाजे को बंद कर मूर्ति को तोड़ दिया. जाते-जाते मंदिर को भी नुकसान पहुंचाया. अभी तक हमलावरों के खिलाफ पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की है.
मंदिर के पास रहने वाले हिन्दू समुदाय ने घटना पर रोष व्यक्त करते हुए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. इस तरह की घटनाएं अस्वीकार्य हैं और सरकार को दोषियों को पकड़ना चाहिए. दूसरे अन्य मामलों की तरह इस मामले की भी पुलिस ने जांच शुरू कर दी है. पुलिस ने कहा कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा.
रिपोर्ट के अनुसार, 20 दिन पहले भी सिंध प्रांत के बादिन जिले में एक मंदिर में तोड़फोड़ की गई थी. पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, इस मामले में शिकायतकर्ता अशोक कुमार ने आरोप लगाया था कि मंदिर में तोड़फोड़ मुहम्मद इस्माइल उर्फ चट्टो शीदी ने की थी. जिसके बाद पाकिस्तान पुलिस ने पूरे मामले की जांच शुरू कर दी थी.