नई दिल्ली. पाकिस्तानी संस्थाओं की बड़ी कारस्तानी उजागर हुई है. इन संस्थाओं ने भारत की कथित मदद के लिए अभियान चलाए, लेकिन अधिकांश पैसा आतंकियों तक पहुंचा दिया गया. अमेरिका में करीब 23 पाकिस्तानी स्वयंसेवी संगठनों (एनजीओ) की कारस्तानी उजागर हुई है. यूरोप में दुष्प्रचार अभियानों पर नजर रखने वाली संस्था ‘डिसइंफो लैब’ ने रिपोर्ट प्रकाशित की है. इसमें दावा किया गया है कि अमेरिका में पाकिस्तानी एनजीओ ने दूसरी कोरोना लहर के दौरान भारत की कथित मदद के लिए अभियान चलाए.
भारत में ऑक्सीजन संकट देखते हुए अभियान चलाए गए. इसके जरिए करीब 158 करोड़ रुपये भी जुटाए गए. लेकिन यह पैसा अधिकांशत: आतंकियों के पास पहुंचा दिया गया. ‘डिसइंफो लैब’ की रिपोर्ट का नाम ‘कोविड-19 स्कैम 2021’ है.
रिपोर्ट में मदद के नाम पर चलाए गए 66 फर्जी अभियान उजागर किए गए हैं. रिपोर्ट में कहा गया कि, ‘यह मानव इतिहास के सबसे बड़े घोटालों में से एक है. इसके अनुसार अभियान चलाने वालों में एक संगठन ‘इमाना- इस्लामिक मेडिकल एसोसिएशन’ अमेरिका के इलिनोइस में कार्यरत है. इसे 1967 में स्थापित किया गया था. डॉ. इस्माइल मेहर इमाना के अध्यक्ष हैं. मुख्य रूप से इन्हीं ने अभियान की योजना बनाई थी.
रिपोर्ट के अनुसार सोशल मीडिया पर 27 अप्रैल, 2021 को अभियान शुरू किया गया था. इसका लक्ष्य करीब 1.8 करोड़ लोगों से चंदा जुटाना था. विशेष बात यह कि इमाना का कोई कार्यालय और ब्रांड नहीं है और भारत में इसका कार्यालय ही नहीं है. इसलिए इसे चंदा जुटाने से नहीं रोका जा सका. अभियान के दौरान इमाना हर घंटे करीब 73 लाख रुपये जुटा रहा था.
5.60 करोड़ रुपये के चिकित्सा उपकरण खरीदने का दावा, लेकिन प्रमाण नहीं दे पा रहे
इमाना के अध्यक्ष डॉ. इस्माइल मेहर ने कई संदिग्ध दावे किए. उन्होंने कहा, ‘इमाना ने 5.60 करोड़ रुपये के चिकित्सा उपकरण खरीदे.’ हालांकि ये उपकरण कभी भारत पहुंचे ही नहीं. मेहर ने दावा किया कि उन्होंने सहायता सामग्री भारत पहुंचाने के लिए एयर इंडिया से समझौता किया है. लेकिन कोई प्रमाण नहीं दे पाए. इसी तरह अन्य संगठन भी अपने दावों के समर्थन में प्रमाण नहीं दे सके.
रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका में भारत की मदद के नाम पर चंदा जुटाने वाले कई पाकिस्तानी संगठन सक्रिय हैं. इन्हीं में शामिल इमाना और इस्लामिक सर्कल ऑफ नॉर्थ अमेरिका (आईसीएनए) का सम्बंध दुनिया के कई आतंकी संगठनों से रहा है. आईसीएनए फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास को भी धन मुहैया कराता है. इमाना और आईसीएनए को चलाने में पाकिस्तानी सेना के रिटायर्ड कर्मचारी मदद करते हैं. पाकिस्तानी सेना उन्हें आगे बढ़ाती है.