करंट टॉपिक्स

पेटा बता रही है कि बकरीद में छुरा कितना तेज रखें

Spread the love

सौरभ कुमार

इन्टरनेट की गलियों में ऐसे ही भटकते हुए एक वेबसाइट नज़र आई, इस वेबसाइट का नाम था AnimalsinIslam.com, वेबसाइट में जानवरों को लेकर बहुत सी बातें बताई गयीं थीं. इस्लाम में जानवरों के साथ कैसा व्यवहार हो, ये भी बताया गया था. इसी वेबसाइट के वेबपेज में लगे एक लेख का शीर्षक था –“How to slaughter animals properly”. इस लेख में कुछ तरीके बताए गए थे जैसे कि छुरा तेज रखना चाहिए, जानवरों को आराम से पकड़ना चाहिए, ध्यान दें कि ज्यादा खून न बहे ताकि “GOOD QUALITY MEAT” मिल सके.

वैसे तो इस तरह के कंटेंट में कुछ ऐसा नहीं है जो आपका ध्यान खींचे, सब कुछ क्रूर, लेकिन सामान्य सा लगता है. लेकिन अगर मैं आपसे कहूँ कि इस वेबसाइट को मैनेज करने वाली संस्था कोई और नहीं, बल्कि जानवरों की रक्षा के लिए काम करने वाली सबसे बड़ी संस्था होने का दावा करने वाली PETA है. तो आप क्या कहेंगे? वो PETA, जिसे ये चिंता खाए जा रही है कि इस रक्षाबंधन गायों का क्या होगा? बड़े-बड़े बैनर लगाकर लेदर फ्री रक्षाबंधन का सन्देश देने वाली PETA बकरीद में जानवर काटने के लिए छुरी कितनी तेज रखनी है, ये बता रही है.

हाल ही में पेटा इंडिया ने कई शहरों में लेदर फ्री रक्षाबंधन के पोस्टर लगाये थे. इन बड़े-बड़े बोर्ड में इस रक्षाबंधन जानवरों को बचाने का आह्वान किया गया था. पेटा इंडिया से जब यह सवाल पूछा गया कि आखिर कहाँ रक्षाबंधन में चमड़े का इस्तेमाल किया जाता है? आखिर कौन रक्षाबंधन में मांस खाता है? विशेषकर गौ मांस तो पेटा इंडिया ने अपने इन बिल बोर्ड्स को बदल दिया.

लेकिन पेटा इंडिया का यह व्यवहार सिर्फ इसी एक बिल बोर्ड तक सिमित नहीं है. यह संस्था हर हिन्दू त्यौहार के खिलाफ इसी तरह के अभियान चलाने के लिए जानी जाती है. दिवाली के पटाखों से कुत्तों को परेशानी होती है, होली के रंग से लावारिस जानवरों को और मकर संक्रांति में पतंग के धागे, इस प्रोपगेंडा का हिस्सा बन जाते हैं. जानवरों के हित में काम करने वाली यह संस्था पशु प्रेमी हिन्दू समाज के हर तीज-त्यौहार पर तो निशाना साधती है, लेकिन इस्लामिक क़ुरबानी पर इनके मुंह में ताला लग जाता है. ये राखी में लेदर फ्री होने का तो बोर्ड लगाते हैं, लेकिन बकरीद पर इनके जबान पर ताले लग जाते हैं.

पेटा इंडिया के इस दुष्प्रचार पर भारत में गुस्सा है. वरिष्ठ पत्रकार दीपक चौरसिया ने पशुप्रेमी संगठन पेटा को हिन्दू विरोधी करार दिया है, चौरसिया ने कहा कि मुस्लिम त्योहारों के खिलाफ एक बार भी आवाज नहीं उठाई है, हिन्दू त्यौहार आते ही एक्टिव हो जाता है. न्यूज़ नेशन के कंसल्टिंग एडिटर दीपक चौरसिया ने अपने ट्वीट में लिखा, PETA की गतिविधियां हमेशा से हिन्दू विरोधी रही हैं. कहीं पे निगाहें, कहीं पे निशाना वाला मामला यहां पर साफ दिखाई दे रहा है, चौरसिया ने पेटा पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि आज तक पेटा ने इंडिया में कई PIL दायर किए हैं और ये सब हिन्दू त्यौहारों के खिलाफ की हैं, लेकिन पेटा ने मुस्लिम त्यौहारों के खिलाफ एक बार भी आवाज नहीं उठाई है.

ttps://twitter.com/DChaurasia2312/status/1285455011002998785

प्रसिद्ध लेखिका शेफाली वैद्य ने भी पेटा इंडिया के इस हिन्दू विरोधी अभियान पर सवाल उठाया था. जिसके बाद पेटा ने गलती सुधारने के बजाए शेफाली वैद्य को ट्रोल किया. अपने ट्विटर हैंडल पर शेफाली वैद्य ने पेटा इंडिया से 5 सवाल पूछे –

  1. गाय के चमड़े से जुदा विज्ञापन लगाते हुए उसे रक्षाबंधन से जोड़ा गया. बकरों पर बने विज्ञापनों को बकरीद से क्यूँ नहीं जोड़ा जाता? क्या पेटा को डर लगता है?

https://twitter.com/ShefVaidya/status/1285847371708944385

  1. आपने ऐसा कहा कि @IngridNewkirk पेटा की संस्थापक है, लेकिन वह मुख्य कार्यकर्त्ता नहीं है. अगर यह सच है, तो आपके अभियानों ने उसे क्यों दिखाया जाता है, और वह आपके आधिकारिक एफसीआरए रिटर्न पर हस्ताक्षर क्यों करती है?

https://twitter.com/ShefVaidya/status/1285847388330979328

  1. अधिकांश हिन्दू / जैन आध्यात्मिक गुरु शाकाहारी हैं और अहिंसा के पैरोकार हैं. जब भी किसी हिन्दू गुरु या जैन आचार्य को पेटा के पर्सन ऑफ़ द इयर के तौर पर नहीं चुना गया है, जबकी पोप फ्रांसिस को चुना गया, हालांकि वह मांस खाते हैं.

https://twitter.com/ShefVaidya/status/1285847399571681280

  1. पेटा इंडिया ने भारत में जनहित याचिका दायर की है, जिसमें #kambala, #jallikattu, #templeelephants पर प्रतिबंध के लिए क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 का उपयोग करते हुए प्रतिबंध लगाने के लिए कहा है. लेकिन क्यूँ पेटा ने उसी अधिनियम के अंतर्गत कभी बकरीद की क़ुरबानी पर सवाल नहीं उठाया, जबकि वह भी उसी अधिनियम के तहत अवैध है.

https://twitter.com/ShefVaidya/status/1285847408471990272

  1. सवाल पूछने पर मुझे 2 दिनों के लिए ट्रोल किया गया और पेटा इंडिया ने मुझे एक सांप कहते हुए #SnakeLivesMatter लिखा. लेकिन क्या आपने अपने पर्सन ऑफ़ द इयर को यह ज्ञान दिया है. सोनम कपूर 1900 अमरीकी डालर के अजगर चमड़े से बना प्रादा बैग इस्तेमाल करती हैं?

https://twitter.com/ShefVaidya/status/1285847421541441537

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *