नई दिल्ली. पिछले साल फरवरी में दिल्ली में हुए दंगों में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और अलगाववादी खालिस्तानियों का भी कनेक्शन था. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल इस कनेक्शन की जांच कर रही है. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गहन जांच और छापामारी के बाद जून, 2020 में कुछ खालिस्तानियों को गिरफ्तार किया था. जिनमें से एक का नाम लवप्रीत है, दिल्ली पुलिस इन मामलों को लेकर विस्तृत चार्जशीट तैयार कर रही है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार चार्जशीट के डिस्क्लोजर स्टेटमेंट में आरोपियों ने अपने बयान में खुलासा किया है कि दिल्ली दंगों में खालिस्तानियों और ISI एजेंटों की भी भूमिका थी. आईएसआई एजेंट और खालिस्तान समर्थक दिल्ली दंगों से पहले सीएए के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शनों में भी लगातार सक्रिय रहे थे. आईएसआई के इशारे पर कुछ खालिस्तानी समर्थक पंजाब से दिल्ली आए थे और शाहीनबाग आन्दोलन में सक्रिय रहे थे.
शाहीनबाग में सक्रिय रहे खालिस्तान समर्थक लवप्रीत सिंह को खुफिया एजेंसियों और स्पेशल सेल ने एक बड़े ऑपरेशन के बाद जून में उस वक्त गिरफ्तार किया था, जब लवप्रीत टारगेट किलिंग को अंजाम देकर पाकिस्तान में आतंकी ट्रेनिंग लेने जा रहा था. लवप्रीत और बगीचा सिंह, पंजाब से आए कई लोगों के साथ शाहीनबाग मे रुके थे, इसके अलावा कुछ खालिस्तानी समर्थक दिल्ली के चांद बाग भी गए थे और भड़काने वाले भाषण दिए थे.
दिल्ली दंगों में साजिश की जांच कर रही स्पेशल सेल के सामने, चांद बाग दंगों में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार अतहर खान और शादाब ने 25 अगस्त, 2020 के दिन खुलासा किया था कि ”चांद बाग प्रोटेस्ट साइट शुरू करने वालों में से एक डॉक्टर रिजवान सिद्दकी शाहीनबाग साइट पर आता जाता रहता था. 10-11 फरवरी के आस-पास जब रिजवान सिद्दकी शाहीनबाग से वापस आया, तो उसने हम लोगों को बताया कि शाहीनबाग पर उसकी मुलाकात खालिस्तान समर्थक बगीचा सिंह और लवप्रीत सिंह हुई है जो भारत के खिलाफ अपने मिशन के लिए काम कर रहे हैं और उन्होंने कहा कि उन लोगों को पाकिस्तान की ISI का सपोर्ट है और वहां से मैसेज आया है कि खालिस्तान समर्थकों को भी CAA के विरोध में साथ देना चाहिए और भारत सरकार के खिलाफ लड़ाई में हर तरीके से मदद करनी चाहिए.”
डॉ. रिजवान ने यह भी बताया, ”इन लोगों ने दंगों के लिए हमारी हर तरीके से मदद करने का वादा किया है और ये भी कहा था कि हमारी Protest site पर भी अपने आदमी भेजेंगे. इसके तकरीबन 8/10 दिन बाद सरदार जबरजंग सिंह चांद बाग आए थे और जबरजंग सिंह ने मंच से भारत सरकार के खिलाफ भाषण भी दिया था.”
इनपुट – आजतक