ईसाई मिशनरियों के धर्मांतरण अभियान को लेकर उत्तर प्रदेश पुलिस अब एक्शन मोड पर नजर आ रही है. जानकारी के अनुसार पिछले गुरुवार को फतेहपुर से पादरी सहित 26 लोगों की गिरफ्तारी के बाद अब पुलिस ने अवैध धर्मांतरण के आरोप में आजमगढ़ से भी 4 ईसाई मिशनरियों को गिरफ्तार किया है. अवैध रूप से धर्मांतरण के लिए उकसाए जाने से संबंधित शिकायत प्राप्त होने के बाद आजमगढ़ पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 2 महिलाओं सहित कुल 4 मिशनरियों को गिरफ्तार किया है.
गिरफ्तार ईसाई मिशनरियों की पहचान क्रमशः आजमगढ़ के रहने वाले अजय कुमार, दिल्ली निवासी राकेश कुमार, गीता कुमारी एवं रीता के रूप में हुई है. आरोपी राकेश कुमार पिछले 2 महीनों से आजमगढ़ में किराए के मकान में रह रहा था, उसने कई लोगों को बहला-फुसलाकर ईसाई धर्म में मतांतरण कराया है.
घटना की जानकारी साझा करते हुए बिलारीगंज पुलिस थाना प्रभारी विजय प्रकाश ने बताया कि हमें सूचना मिली थी कि आरोपियों द्वारा अंडाखोर क्षेत्र में किराए के एक मकान में अवैध धर्मांतरण का षड्यंत्र चलाया जा रहा है, यह भी पता चला था कि अमूमन बड़ी संख्या में लोगों को आते जाते देखा जाता है, जिसके उपरांत प्रकरण की जांच में हमने शिकायतों को सही पाया.
थाना प्रभारी ने बताया कि सभी अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया है और उनसे पूछताछ की जा रही है. थाना प्रभारी ने बताया कि प्रारंभिक पूछताछ में पता चला है कि आरोपियों द्वारा रुपये का लालच देकर लोगों को धर्मांतरण के लिए उकसाया जाता था. पुलिस यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि इन सभी आरोपियों द्वारा अब तक कितने लोगों का अवैध धर्मांतरण कराया गया है.
पादरी सहित 26 मिशनरियों को गिरफ्तार किया था
इससे पूर्व गुरुवार को उत्तर प्रदेश पुलिस ने फतेहपुर जिले से पादरी सहित कुल 26 लोगों को अवैध धर्मांतरण को बढ़ावा देने एवं 90 से भी अधिक हिन्दुओं के अवैध मतांतरण को लेकर गिरफ्तार किया था. जानकारी के अनुसार फतेहपुर पुलिस ने प्रकरण में कुल 55 लोगों के विरुद्ध नामजद अपराध दर्ज किया है, जिनमें से कुल 26 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. जबकि शेष लोगों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस प्रयासरत है.
पुलिस अधिकारी दिनेश चंद्र मिश्र ने बताया कि “कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत हरिहरगंज चर्च में चंगाई सभा की आड़ में हिन्दू समुदाय के लोगों का अवैध मतांतरण कराने की शिकायत प्राप्त हुई थी, जिसके उपरांत पुलिस छानबीन में आरोप सही पाए गए.” इस प्रकरण में भारतीय दंड संहिता की धारा 153-A, 506, 420, 468 एवं उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020 के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है.