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बंगाल में राजनीतिक हिंसा का दौर – 130 से अधिक भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या

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पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनावों के चलते राजनीतिक माहौल गर्म है. लेकिन राजनीतिक हिंसा का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है. भाजपा कार्यकर्ताओं पर हिंसक हमले और उनकी हत्या की घटनाएं लंबे समय से हो रही हैं. और आरोप टीएमसी तथा वमपंथी गुंडों पर लग रहे हैं. अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बंगाल में 130 भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या हुई है.

अब, कूचबिहार जिले के दिनहाटा टाउन मंडल के भाजपा अध्यक्ष अमित सरकार का शव मिलने के बाद क्षेत्र के लोगों में रोष है. अमित सरकार का शव दिनहाटा में लटकता हुआ मिला. अमित की हत्या को लेकर भाजपा कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि इसे टीएमसी से जुड़े लोगों ने अंजाम दिया है. क्योंकि टीएमसी के गुंडे भाजपा कार्यकर्ताओं को डराना चाहते हैं, जिससे वे घर बैठ जाएं.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अमित सरकार का शव दिनहाटा वेटनरी हॉस्पिटल के परिसर से बरामद हुआ है. मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.

क्या खेला होवे का यही मतलब है ?

घटना पर भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने ट्वीट किया, “दीदी का ‘खेला ‘ शुरू !!! ममता राज की राजनीतिक हिंसा का अभी अंत नहीं हुआ. कूचबिहार लोकसभा क्षेत्र के दिनहाटा के मंडल अध्यक्ष अमित सरकार को टीएमसी के गुंडों ने फांसी पर लटका दिया. राज्य में अभी तक 130 से अधिक भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या के लिए ममता की पार्टी ही जिम्मेदार है.

भाजपा आईटीसेल के अध्यक्ष अमित मालवीय ने कहा कि टीएमसी के गुंडों ने पहले चरण की वोटिंग से 72 घंटे पहले भाजपा नेता की हत्या की है. क्या खेला होवे का यही मतलब है? इस समय बंगाल राजनीतिक हत्याओं का गढ़ बन गया है. भाजपा ने 130 से ज्यादा कार्यकर्ताओं को राज्य में खो दिया है.

इससे पहले भी कोलकाता के सोनारपुर में एक भाजपा कार्यकर्ता विकास नस्कर का शव पेड़ से लटकता मिला था. वह बूथ नंबर 57 का भाजपा का कार्यकर्ता था. पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 27 मार्च से शुरू होगा.

चुनावों को देखते हुए एक तरफ ममता बनर्जी स्वयं को सबसे बड़ा हिन्दू साबित करने में जुटी हैं तो दूसरी ओर जय श्रीराम का नारा लगाने पर भाजपा कार्यकर्ताओं को मारने में जुटे हैं. 2020 में ही 35 से अधिक भाजपा कार्यकर्ताओं हत्या की गई.

07 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हल्दिया में सभा से पहले नंदकुमार में उनके पोस्टर फाड़ दिए गए. प्रधानमंत्री मोदी की सभा में शामिल होने के लिए जा रहे भाजपा कार्यकर्ताओं पर तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने हमले किए. हमले में पांच भाजपा कार्यकर्ता गंभीर रूप से घायल हुए.

09 फरवरी को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के पहुंचने से पहले लालगढ़ के झिटका में भाजपा कार्यकर्ताओं की बस पर गोलीबारी की गई.

10 फरवरी को हुगली के सेवड़ाफुल्ली में जय श्री राम का लिखा मॉस्क बांट रहे 19 भाजपा कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया. इससे पहले 07 फरवरी को चांपदानी में भी जय श्री राम लिखे मॉस्क बांटने पर विवाद हुआ था. पुलिस का कहना था कि बिना अनुमति मॉस्क बांटे जा रहे थे. पुलिस का कहना था कि इससे कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब हो सकती थी.

11 फरवरी को दक्षिण 24 परगना के डायमंड हार्बर में घायल भाजपा कार्यकर्ता पीयूष कांति प्रमाणिक की मौत हो गई. प्रमाणिक को भोलारहाट से अगवा करके तृणमूल कांग्रेस के लोगों ने बुरी तरह पीटा था. हत्या के विरोध में भाजपा कार्यकर्ताओं ने थाने का घेराव किया था.

12 फरवरी को बीरभूम जिले में परिवर्तन यात्रा से लौट रहे भाजपा कार्यकर्ताओं को घेरकर पीटा गया. कुछ कार्यकर्ताओं के घरों में तोड़फोड़ की गई. सैंथिया क्षेत्र में भाजपा के दो कार्यकर्ताओं संतू डोम और माखन डोम पर गर्म पानी डाल दिया गया. दोनों को झुलसी हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया.

13 फरवरी को कोलकाता से सटे उत्तर 24 परगना जिले के बासंती हाइवे पर भाजपा नेता बाबू मास्टर की गाड़ी रोककर उन पर बम व गोलियों से हमला किया गया. हमले में घायल भाजपा नेता और उनके ड्राइवर को रक्त रंजित हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया. उत्तर 24 परगना के मीनाखां इलाके में प्रभावशाली नेता बाबू मास्टर पिछले साल दिसंबर में तृणमूल कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे. 13 फरवरी को ही उत्तर 24 परगना के बारासात में सड़क किनारे खड़ी भाजपा सांसद जगन्नाथ सरकार की कार को उड़ा दिया.

16 फरवरी को कूचबिहार जिले के बशीरहाट में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के पोस्टर फाड़ने का विरोध करने पर पार्टी कार्यकर्ता बादल शाह, उनकी पत्नी और बेटे पर हमला किया गया.

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