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प्रधानमंत्री ने असम में ‘महाबाहु-ब्रह्मपुत्र’ का शुभारंभ किया, दो पुलों की आधारशिला रखी

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गुवाहाटी. प्रधानमंत्री, ने आज असम में ‘महाबाहु-ब्रह्मपुत्र’ का शुभारंभ किया और दो पुलों की आधारशिला रखी. इस अवसर पर केन्‍द्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री; केन्‍द्रीय कानून और न्याय, संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री; पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग राज्‍य मंत्री और असम व मेघालय के मुख्यमंत्री उपस्थित थे.

‘महाबाहु-ब्रह्मपुत्र’के शुभारंभ के अवसर पर उन्होंने नेमाटी-मजुली द्वीप, उत्तरी गुवाहाटी-दक्षिण गुवाहाटी और धुबरी-हाटसिंगिमारी के बीच रो-पैक्स जहाज सेवा का उद्घाटन किया. उन्होंने जोगीघोपा में इनलैंड वाटर ट्रांसपोर्ट (आईडब्‍ल्‍यूटी) टर्मिनल और ब्रह्मपुत्र नदी पर विभिन्न पर्यटक जेटियों की नींव रखी और ईज ऑफ डूइंग-बिजनेस के लिए डिजिटल समाधान की शुरुआत की.

प्रधानमंत्री ने कृषि से जुड़े अली-आये-लिगांग त्योहार के लिए माइसिंग समुदाय को बधाई दी, जो कल मनाया गया था. उन्होंने कहा कि वर्षों से यह पवित्र नदी सामाजिकता और संपर्क का पर्याय थी.  ब्रह्मपुत्र पर कनेक्टिविटी से संबंधित इतना काम पहले नहीं किया गया है. इस कारण से असम के भीतर और पूर्वोत्तर के अन्य क्षेत्रों में कनेक्टिविटी हमेशा एक बड़ी चुनौती रही है. पूरे क्षेत्र की भौगोलिक और सांस्कृतिक दूरियों को कम करने के लिए अब परियोजनाओं में तेजी लाई गई है. असम सहित पूरे पूर्वोत्‍तर की भौतिक और सांस्कृतिक अखंडता हाल के वर्षों में मजबूत हुई है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि अनेक पुल जैसे डॉ. भूपेन हजारिका सेतु, बोगीबील पुल, सरायघाट जैसे कई पुल आज असम के जीवन को आसान बना रहे हैं. इससे देश की सुरक्षा मजबूत होती है और हमारे सैनिकों को बड़ी सुविधा मिलती है. असम और पूर्वोत्‍तर को जोड़ने के अभियान को आगे बढ़ाया गया है. प्रधानमंत्री ने कहा, “यह सुविधा और संभावनाओं का एक पुल बनने जा रहा है”.

मजुली को असम का पहला हेलीपैड मिला है और तेज व सुरक्षित सड़क का विकल्प मिल रहा है क्योंकि कालीबाड़ी को जोरहाट से जोड़ने वाले 8 किमी लंबे पुल के भूमि पूजन के साथ काफी लंबे समय से चली आ रही मांग पूरी हो रही है.

इसी तरह, मेघालय के धुबरी से फूलबाड़ी तक 19 किलोमीटर लंबे पुल से बराक घाटी में कनेक्टिविटी में सुधार होगा और इससे मेघालय, मणिपुर, मिजोरम और असम के बीच की दूरी कम हो जाएगी. मेघालय और असम के बीच की दूरी सड़क मार्ग से लगभग 250 किमी है; यह घटकर सिर्फ 19-20 किमी. रह जाएगी.

मजुली और नेमाटी के बीच रो-पैक्स सेवा एक ऐसा मार्ग है जो लगभग 425 किमी की दूरी को घटाकर मात्र 12 किमी कर देगा. इस रास्ते पर दो जहाज चलते हैं जो एक बार में लगभग 1600 यात्रियों और दर्जनों वाहनों को लाते-ले जाते हैं. गुवाहाटी में शुरू की गई इसी प्रकार की सुविधा उत्तर और दक्षिण गुवाहाटी के बीच की दूरी को 40 किलोमीटर से घटाकर 3 किलोमीटर कर देगी.

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