नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी दो दिवसीय बांग्लादेश यात्रा के दूसरे दिन की शुरुआत मां काली का आशीर्वाद लेकर की. प्रधानमंत्री ने सतखिरा में जेशोरेश्वरी काली शक्तिपीठ में पूजा की, जो प्राचीन 51 शक्तिपीठों में से एक है. प्रधानमंत्री ने मां काली को चांदी से निर्मित, सोने की प्लेटिंग वाला हाथ से बना एक मुकुट भी अर्पित किया. मुकुट स्थानीय कारीगर द्वारा तीन हफ्ते से ज्यादा समय में हाथ से बनाया गया.
दोस्ती का हाथ बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री ने मंदिर से पास एक सामुदायिक भवन सह चक्रवात आश्रय स्थल के निर्माण के लिए अनुदान देने की घोषणा की. इस भवन को मंदिर में वार्षिक काली पूजा और मेले के दौरान श्रद्धालुओं द्वारा प्रयोग किया जाएगा. साथ ही इसे सभी धर्मों के लोगों द्वारा तूफान की स्थिति में आश्रय स्थल और सामुदायिक सुविधा के रूप में भी उपयोग किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि मैंने सुना है कि यहां पर मां काली की पूजा के मेले में बड़ी संख्या में भक्त सीमा के उस पार से भी यहां पर आते हैं. यहां एक कम्यूनिटी हॉल बनाए जाने की आवश्यकता है. ये बहुउद्देशीय हॉल हो ताकि जब काली पूजा के लिए लोग आएं तो हॉल उनके उपयोग में आए. यही नहीं कभी आपदा के समय खासकर चक्रवात के समय ये कम्युनिटी हॉल सबके लिए शेल्टर का स्थान बन जाए. आज मानव जाति कोरोना के कारण अनेक संकटों से गुजर रही है, मां से यही प्रार्थना है कि पूरी मानव जाति को कोरोना संकट से जल्द से जल्द मुक्ति दिलाएं.
कहा कि, साल 2015 में जब मैं बांग्लादेश आया था तो मां ढाकेश्वरी के चरणों में शीश झुकाने का अवसर मिला था और आज मां काली के चरणों में आशीर्वाद प्राप्त करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है.