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एक विलक्षण संत थे पूज्य सुदर्शन लाल जी महाराज – सुनील आंबेकर

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नई दिल्ली. जैन संत पूज्य सुदर्शन लाल जी महाराज एक विलक्षण संत थे. उनके जीवन पर आधारित फिल्म ‘सुदर्शन चक्र भाग 2’ उनके संदेशों को प्रभावी रूप से फिल्मांकित करती है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने आज दा रॉयल प्लाजा होटल में आयोजित फिल्म के प्रीमियर शो के समय पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि पूज्य सुदर्शन जी महाराज ने समाज को जोड़ने के लिए अद्भुत उपदेश दिए. आज के समय में परिवार विखंडन एक बड़ी समस्या है. पूज्य गुरुदेव ने परिवारों को जोड़े रखने के लिए बहुत प्रभावी सूत्र अत्यंत सरल रूप में समाज के सामने रखे. यह फिल्म जीवन जीने की कला सिखाती है. इसलिए यह हर व्यक्ति के लिए दर्शनीय है.

विहिप के केंद्रीय संयुक्त महामंत्री डॉ. सुरेंद्र जैन ने बताया कि पूज्य सुदर्शन लाल जी महाराज आजीवन प्रचार से दूर रहे. परंतु, अपने अलौकिक दर्शन, संदेशों, प्रवचनों व तपस्या के कारण भारत के प्रभावी संतों की अग्रणी पंक्ति में विराजमान थे. वे सांझी संस्कृति व सांझी विरासत के प्रतीक थे. इसलिए जैन-अजैन सभी उनके प्रति समान श्रद्धा भाव रखते थे. नारी सशक्तिकरण पर उनका अत्यंत आग्रह था. परिवारों को जोड़ने के लिए उन्होंने बुजुर्गों का सम्मान व बच्चों को स्नेह का अद्भुत सूत्र दिया. 25000 किलोमीटर से अधिक पैदल विहार करते हुए उन्होंने लाखों लोगों को अपने संपर्क के माध्यम से व्यसनों से मुक्ति दिलाई.

डॉक्टर जैन ने फिल्म के निर्देशक व अभिनेताओं को पूज्य सुदर्शन जी के जीवन का साकार एवं प्रभावी फिल्मांकन करने के लिए हार्दिक बधाई दी.

स्वागत समिति ने सुनील आंबेकर, डॉ. सुरेंद्र जैन, कपिल खन्ना, अमित जैन, कमल जैन, फिल्म के निर्देशक अनिल कुलचेनिया व गुरु जी के चरित्र का जीवंत निर्वहन करने वाले अभिनेता विवेक आनंद का अभिनंदन किया.

अनिल जी व विवेक आनंद ने फिल्म निर्माण के दौरान हुए दैवीय अनुभवों को भी पत्रकारों के साथ साझा किया. आयोजकों ने बताया कि इस फिल्म का प्रथम भाग www.nandipictures.com पर उपलब्ध है.

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