नई दिल्ली. पंजाब सरकार द्वारा 26 जनवरी को किसान आंदोलन के नाम पर दिल्ली के लाल किले में हुई हिंसा में गिरफ्तार 83 तथाकथित किसानों को 2-2 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा अत्यंत निंदनीय है.
विदित हो कि 26 जनवरी, 2021 को किसान आंदोलन की आड़ में अपनी राजनीति और अन्य महत्वकांक्षाओं की पूर्ति के लिए लाल किले पर असामाजिक तत्वों द्वारा हिंसक प्रदर्शन किया गया था. गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में पुलिस पर हमला, राष्ट्रीय ध्वज का अपमान, बैरिकेडिंग तोड़ कर तय मार्ग का उल्लंघन सहित अन्य अवांछित कार्यों को किया था.
पुलिस ने कानून का उल्लंघन करने वाले 7 दर्जन से अधिक लोगों पर मुकदमा दाखिल किया था, जिन्हें अब पंजाब सरकार मुआवजे के रूप में सरकारी कोष से 2-2 लाख रुपये देने जा रही है. यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है और जनता के पैसों का दुरुपयोग है. सरकार का यह कदम असामाजिक तत्वों को बढ़ावा देने का काम करेगा एवं कथित किसान आंदोलन में गैरकानूनी गतिविधियों को बढ़ावा देगा.
अभाविप की महामंत्री निधि त्रिपाठी ने कहा कि “यह दुर्भाग्य है कि एक प्रदेश का मुख्यमंत्री जनता के पैसों से राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने वालों को सम्मानित कर रहा है. मुख्यमंत्री चन्नी अपने राजनैतिक लाभ के लिए देश की अस्मिता के साथ खिलवाड़ करने का काम कर रहे हैं. देश का युवा देश के राष्ट्रीय चिह्नों से खिलवाड़ करने वालों का सम्मान कभी स्वीकार नहीं करेगा.