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शासन-प्रशासन धार्मिक भावना के साथ चलाने की कुशलता पुण्यश्लोक अहिल्या देवी होलकर में थी

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गाज़ियाबाद. जन-जन उन्नयन महान शिव भक्त पुण्यश्लोक राजमाता अहिल्यादेवी होल्कर जी की 300वें जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में प्रबुद्ध नागरिक गोष्ठी का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का शुभारम्भ सेवा भारती की बहनों द्वारा मां सरस्वती की वंदना से किया गया. तत्पश्चात ‘नृत्य with elegance (group of performing arts)’ बालिकाओं ने कत्थक नृत्य प्रस्तुति की.

मुख्य अतिथि डॉ. रमेश माधवन पांडव जी (सदस्य अखिल भारतीय समरसता गतिविधि मंडल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ), विनोद जी (सह प्रांत प्रचारक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मेरठ), डॉ. अनुपम भारद्वाज (प्राचार्य सुशीला इंटर कॉलेज) ने दीप प्रज्ज्वलित किया.

अनुपम भारद्वाज ने देवी अहिल्या द्वारा धर्म संस्कृति व राष्ट्र उत्थान में किए कार्यों की चर्चा की. समाज का शासन प्रशासन धार्मिक भावनाओं के साथ चलाने की योग्यता अहिल्यादेवी होलकर में थी. उन्होंने महिलाओं के सशस्त्रीकरण को लेकर भी कार्य किया.

विनोद जी भाई साहब ने संघ की 99 वर्षों की यात्रा, संघ की वर्तमान स्थिति, और पंच परिवर्तन को लेकर चर्चा की. परिवार प्रबोधन, स्व का भाव, पर्यावरण तथा वाटर मैनेजमेंट जैसे विषयों को विस्तृत जानकारी के साथ स्वयंसेवकों व समाज की भूमिका की चर्चा की.

मुख्य वक्ता डॉ. रमेश माधवराव पांडव ने माता अहिल्यादेवी होल्कर के युद्ध कौशल, धर्म परायणता, लोक कल्याणकारी कार्य, आर्थिक नीति, न्याय प्रियता, राष्ट्रीय दृष्टि, उनके द्वारा किए सभी धार्मिक स्थलों पर मंदिरों के जीर्णोद्धार की जानकारी रखा. सोमनाथ मंदिर, पुष्कर जी मंदिर, वृंदावन मंदिर, अयोध्या, उज्जैन , नासिक, एलोरा महाराष्ट्र, गंगोत्री, देवप्रयाग,आदि जगहों पर बहुत सारे कार्य रानी अहिल्यादेवी ने करवाए. अनेकों उदाहरण से देवी अहिल्या की शासन प्रशासन करने की योग्यता से परिचय करवाया.

गोष्ठी के दौरान विशिष्ट सेवाओं के लिए डॉ. तारा गुप्ता (गांधर्व संगीत महाविद्यालय), शालू सिंह (सेवा समर्पण कल्याण समिति) को सम्मानित किया गया. समारोह में समाज के विभिन्न गणमान्यजन उपस्थित रहे.

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