रायसेन. जिले के एक शिशुगृह में तीन बच्चों के कथित तौर पर धर्म परिवर्तन का मामला सामने आया है. शिशुगृह के संचालक ने कोरोना काल में परिजनों से बिछड़े बच्चों का धर्म बदलकर उनका आधार कार्ड बनवा दिया, वहीं आधार कार्ड में बच्चों के माता-पिता के नाम की जगह स्वयं का नाम लिखवा दिया. अब मामला सामने आने के बाद शिशुगृह के संचालक के खिलाफ केस दर्ज किया गया है.
मामला रायसेन जिले के गौहरगंज स्थित सरकारी अनुदान प्राप्त एक शिशुगृह का है. कोरोना काल के दौरान 2020 में तीन बच्चे (एक लड़का और दो लड़कियां शामिल हैं) भोपाल में भटकते मिले थे. बच्चे अपने माता पिता से बिछड़ गए थे, जिसके चलते भोपाल कल्याण समिति ने उन तीनों बच्चों को रायसेन बाल कल्याण समिति को सौंप दिया था. बाद में बच्चों के माता-पिता मिलने तक इन्हें गौहरगंज के गोदी शिशुगृह में भेज दिया गया. संस्था का संचालन नवजीवन सामाजिक संस्था द्वारा किया जाता है.
हाल ही में सामने आई एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार शिशुगृह के संचालक हसीन परवेज ने बच्चों के नाम बदल दिए और उनका नया आधार कार्ड बनवाया, जो बच्चों के नए नाम से है और उसमें बच्चों का धर्मांतरण कर दिया गया है. बच्चों के माता पिता के नाम में परवेज ने स्वयं का नाम दर्ज कराया है.
कुछ वक्त पहले NCPCR अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो मौखिक शिकायत मिलने पर शिशुगृह का निरीक्षण करने पहुंचे थे. उस दौरान उन्होंने जब बच्चों से बात की तो बच्चों ने खुद बताया कि पहले उनका नाम कुछ और था, लेकिन बाद में उनका नाम बदल दिया गया. बच्चों की पहचान में बदलाव की बात सामने आने के बाद उन्होंने मामले की जांच की बात कही. रिकॉर्ड जब्त करने के आदेश दिए. बच्चों की उम्र चार से छह साल के बीच की बताई जा रही है. वहीं, इस मामले पर संचालक का कहना है कि जो शख्स बच्चों को छोड़ने आया था, उसने बच्चों के नाम दूसरे धर्म के बताए थे. एक बच्चे के पिता की जानकारी मिल गई है, जबकि उसकी मां की तलाश की जा रही है, बच्चे का पिता दमोह में रहता है.