अलवर. जिले के राजगढ़ में मंदिर, मकान, दुकानें तोड़ने और कठूमर में गौशाला के विध्वंस को लेकर विरोध मुखर होता जा रहा है. हिन्दू समाज की ओर से बुधवार को सरकार के विरुद्ध जन आक्रोश रैली निकाली गई. रैली में बड़ी संख्या में साधु- संत शामिल हुए.
रैली कंपनी बाग स्थित शहीद स्मारक से शुरू हुई जो शहर के मुख्य बाजार व विभिन्न मार्गों से होती हुई कलेक्ट्रेट पहुंची. रैली से पहले शहीद स्मारक पर सर्व समाज व साधु-संतों की बैठक हुई. उसके बाद सैकड़ों की संख्या में लोग रैली के रूप में कलेक्ट्रेट पहुंचे. हिन्दुओं पर अपमान नहीं सहेगा हिन्दुस्थान, स्लोगन लिखी तख्तियां लोगों के हाथों में दिखी. रैली को देखते हुए कलेक्ट्रेट गेट पर पुलिस द्वारा बेरिकेटिंग की गई थी. साथ ही भारी पुलिस बल मौके पर तैनात रहा. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को बैरिकेडिंग लगा कलेक्ट्रेट में प्रवेश से रोका.
हिन्दू समाज के प्रमुख लोगों और साधु संतों के नेतृत्व में राज्यपाल के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में मंदिरों का जीर्णोद्धार कराने व हिन्दू आस्था के साथ खिलवाड़ रोकने की मांग की गई.
ज्ञापन में मंदिर के पुनर्निर्माण की मांग
ज्ञापन में कहा गया कि प्राचीन शिव मंदिरों को तोड़े जाने से हिन्दू समाज की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं. आमजन के घरों और दुकानों को तोड़े जाने से लोग सड़कों पर खुले आसमान के नीचे जीवन गुजारने को विवश हो गए हैं. प्रकरण में सीधे-सीधे दोषी नगर पालिका राजगढ़ के अधिशासी अधिकारी और राजगढ़ एसडीम के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करवाकर कठोर कार्रवाई की जाए.
ज्ञापन में गौशाला को ध्वस्त करने की कार्रवाई पर भी रोष व्यक्त करते हुए कहा गया कि श्री हनुमान गोशाला समिति में मैथना, कठूमर में अनेक वर्षों से संचालित है. करीब 500 गोवंश उसमें था. प्रशासन ने बुलडोजर चलाकर गौशाला के निर्माण को तहस-नहस कर दिया. गोवंश ने इधर उधर भाग कर अपने प्राण बचाए. गायें चारे- पानी के अभाव में भूख- प्यास से तड़प रही हैं. जंगल में भटक रही गौमाता की गोकशी की आशंकाएं बढ़ गई हैं. इन दोनों ही मामलों में जिले के अधिकारी मूकदर्शक बने रहे तथा समय पर कोई भी संज्ञान नहीं लिया गया. प्रशासन का गैर जिम्मेदाराना व्यवहार भी निंदनीय है. इसलिए दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए.
अलवर के सांसद बाबा बालक नाथ ने कहा कि ज्ञापन के माध्यम से तुरन्त मंदिर पुनर्निर्माण की मांग, साथ कठूमर के मैथन में तोड़ी गई गौशाला पुनर्निर्माण और दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की गई है. राजस्थान सरकार तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है. इसके विरोध में सर्व समाज सड़क पर उतरा है.
अलवर शहर विधायक संजय शर्मा ने कहा कि राजगढ़ की घटना में राजगढ़ विधायक के विरुद्ध सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. पुलिस की मौजूदगी में पुराने मंदिरों व दुकान और मकानों को गिराया गया. भगवान की मूर्तियों को खंडित किया गया. यह दुर्भाग्यपूर्ण है. इस घटना से हिन्दुओं में सरकार के प्रति आक्रोश है.
यह है आक्रोश का कारण
दअरसल, जिले के राजगढ़ नगर पालिका ने 17 अप्रैल को अतिक्रमण हटाने के नाम पर 300 साल पुराने मंदिर, धर्मशाला और लोगों के मकान, दुकान तोड़े थे. इसके बाद से घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद से जिले से प्रदेश ही नहीं, अपितु देश में घटना से नाराजगी है. गहलोत सरकार पर तुष्टिकरण के आरोप लग रहे है. यह मामला हाईकोर्ट में भी पहुंच गया है. वकील प्रकाश ठाकुरिया ने हाईकोर्ट में दायर याचिका में अशोक गहलोत, विधायक जौहरी लाल मीणा सहित अन्य को पक्षकार बनाया है. कार्रवाई का कारण राजनीतिक द्वेष बताया गया है. इसके लिए न्यायिक जांच की मांग की गई है.