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रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट – एनआईए ने 4 आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया, भाजपा का कार्यालय था निशाने पर

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नई दिल्ली. एनआईए ने बेंगलुरु रामेश्वरम कैफे विस्फोट मामले में चार आरोपियों के खिलाफ को आरोपपत्र दाखिल किया. चारों गिरफ्तार आरोपी वर्तमान में न्यायिक हिरासत में हैं.

एनआईए ने आरोपियों की पहचान मुसाविर हुसैन शाजिब, अब्दुल मथीन अहमद ताहा, माज मुनीर अहमद और मुजम्मिल शरीफ के रूप में की है. इन पर आईपीसी, यूए(पी) अधिनियम, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और पीडीएलपी अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत आरोपपत्र दाखिल किया गया है.

एनआईए द्वारा प्रदत्त जानकारी के अनुसार, इस साल 1 मार्च को रामेश्वरम कैफे, ब्रुकफील्ड, आईटीपीएल बेंगलुरु में हुए आईईडी विस्फोट में नौ लोग घायल हो गए थे और होटल की संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचा था. मामले में एनआईए ने 3 मार्च को मामले की जांच शुरू की और विभिन्न राज्य पुलिस बलों व अन्य एजेंसियों के साथ समन्वय में जांच की.

एनआईए के जांच में पता चला कि शाजिब वह व्यक्ति था, जिसने बम लगाया था. वह और ताहा पहले ही 2020 में अल-हिंद मॉड्यूल के भंडाफोड़ के बाद से फरार हो गए थे. एनआईए के व्यापक तलाशी के बाद रामेश्वरम कैफे विस्फोट के 42 दिन बाद पश्चिम बंगाल में उनके ठिकाने से उन्हें गिरफ्तार किया गया था.

एनआईए के अनुसार, कर्नाटक के शिवमोग्गा जिले के रहने वाले दोनों आरोपी इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस) के कट्टरपंथी थे और वे पहले सीरिया में आईएसआईएस के इलाकों में भोले-भाले मुस्लिम युवाओं को आईएसआईएस की विचारधारा के प्रति कट्टरपंथी बनाने में सक्रिय रूप से शामिल थे. माज मुनीर अहमद और मुजम्मिल शरीफ उन्हीं युवाओं में से हैं.

ताहा और शाजिब ने धोखाधड़ी से भारतीय सिम कार्ड लिया और भारतीय बैंक खातों का इस्तेमाल किया. इसके साथ ही डार्क वेब से डाउनलोड किए विभिन्न भारतीय और बांग्लादेशी पहचान दस्तावेजों का भी इस्तेमाल किया था.

ताहा को पूर्व अपराधी शोएब अहमद मिर्जा ने मोहम्मद शाहिद फैज़ल से मिलवाया था, जो लश्कर-ए-तैयबा बेंगलुरु षडयंत्र मामले में फरार है. इसके बाद ताहा ने फैज़ल को अपने हैंडलर महबूब पाशा से मिलवाया, जो अल-हिंद आईएसआईएस मॉड्यूल मामले में आरोपित है और आईएसआईएस साउथ इंडिया के अमीर खाजा मोहिदीन से मिलवाया और बाद में माज मुनीर अहमद से भी मिलवाया.

ताहा और शाजिब को उनके हैंडलर ने क्रिप्टो करेंसी के जरिए फंड दिया था. आरोपियों ने फंड का इस्तेमाल बेंगलुरु में हिंसा की विभिन्न वारदातों को अंजाम देने के लिए किया था. इसमें 22 जनवरी, 2024 को अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन बेंगलुरु के मल्लेश्वरम में भाजपा कार्यालय पर आईईडी हमला शामिल था. हमले में असफल होने के बाद दोनों मुख्य आरोपियों ने रामेश्वरम कैफे में विस्फोट की योजना बनाई थी.

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