नई दिल्ली. राष्ट्र सेविका समिति महिलाओं का सबसे बड़ा संगठन, भारतीय महिलाओं के उत्थान के लिए 1936 से कार्यरत है. आज राष्ट्र सेविका समिति की प्रमुख संचालिका शांता कुमारी जी की उपस्थिति में दिल्ली प्रांत में शाखा संगम का आयोजन किया गया. जिसमें महिला वर्ग का आत्मविश्वास देखने को मिला. शाखा संगम में 1000 से अधिक बालिकाएं, तरुणी, मध्यम आयु वर्ग की महिलाएं एवं वृद्ध महिलाओं ने समिति के गणवेश में समन्वय का भव्य उदाहरण प्रस्तुत किया.
दिल्ली प्रांत की 150 से अधिक गणमान्य महिलाओं ने अपनी उपस्थिति से सेविकाओं का प्रोत्साहन किया. राष्ट्र सेविका समिति शाखा के माध्यम से महिलाओं के सर्वांगीण विकास हेतु कार्य कर रहा है. शाखाएं प्रतिदिन तरुणियों को जोड़कर उनकी योग्यताओं को बढ़ा रही है, संगठित कर रही है और देशभक्ति का भाव जागृत कर रही है. शाखा संगम में दिल्ली प्रांत की 30 शाखाओं ने सहभागिता की.
देवी अहिल्याबाई होलकर जी के त्रि-शताब्दी वर्ष में उनको श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए एक व्यायाम योग की प्रस्तुति तथा कल योगिनी राज योगिनी गीत से श्रद्धांजलि दी गई.
एवरीवन नेचरली की प्रबंध निदेशक रीवा सूद जी एवं शशि बुबना जी मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम में उपस्थित रहीं. रीवा सूद जी ने सेविकाओं के अनुशासन की सराहना की और समझाया कि तन, मन में अगर धन भी जुड़ जाए तो महिला सशक्त रहेगी. रीवा जी ने यमुना जी की स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए छठ पूजन में असुविधा पर अपनी पीड़ा साझा की.
राष्ट्र सेविका समिति वर्ष 2026 में 90 वर्ष पूर्ण होंगे. इस अवसर पर दिल्ली प्रांत ने लक्ष्य रखा है कि प्रांत में 900 प्रशिक्षित सेविकाएं तथा 90 घोष वादक सेविकाओं का विराट पथ संचलन कार्यक्रम 2026 में करेंगे.
प्रमुख संचालिका शांता कुमारी जी ने इस लक्ष्य को राष्ट्र निर्माण और महिलाओं के उत्थान के लिए एक आवश्यक योजना बताया, जो आने वाली तरुणी और बालिकाओं को प्रेरित करेगी और सामाजिक दृष्टि से महिलाओं की भूमिका के लिए उनकी चेतना को विकसित करेगी. उन्होंने गीता के 16 अध्याय का अनुसरण करने का आह्वान किया.16वाँ अध्याय नारी को अभय और निर्भयम का मार्गदर्शन करता है. जिससे नारी सुशीला, सुधीरा, समेधा की ओर अग्रसेर हो.