नई दिल्ली. केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने अपने फेसबुक पेज पर एक घटना का वर्णन करते हुए बताया कि कृषि सुधार कानून के कारण कैसे किसानों को लाभ होगा.
दरअसल, बिहार के समस्तीपुर जिले में अपनी गोभी की फसल का मनमाफिक दाम ना मिलने के कारण खेत में हल चलाकर फसल उजाड़ने वाले किसान को अब गोभी के 10 गुना दाम मिल गए.
केंद्रीय मंत्री के हस्तक्षेप के बाद किसान की समस्या का समाधान हुआ. मंत्री ने कहा, ये नए कृषि कानून के चलते संभव हो पाया है.
किसान आंदोलन के बीच समस्तीपुर के मक्तापुर गांव के किसान की कहानी सोशल मीडिया चर्चा का विषय बनी हुई थी. किसान ओम प्रकाश यादव नाम का कहना था कि उसे गोभी की फसल का कौड़ी के बराबर भाव मिल रहा है. उसकी गोभी सिर्फ एक रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिक रही है. ऐसे में गोभी काट कर बेचने से ज्यादा बेहतर है, उसे खेत में ही नष्ट कर देना. किसान ने गोभी की फसल पर ट्रैक्टर चलवा दिया था.
रविशंकर प्रसाद ने बताया कि समाचार मिलने के बाद उन्होंने अपने विभाग के कॉमन सर्विस सेंटर को निर्देश दिया कि वे किसान से संपर्क करें और उनकी फसल को देश के दूसरे राज्य में सही दाम पर बेचने का बंदोबस्त करें. सरकार ने कृषि उत्पादों की बिक्री के लिए डिजिटिल प्लेटफार्म बनाया है. इसी प्लेटफार्म पर दिल्ली के एक खरीददार ने किसान की गोभी 10 रुपये प्रति किलो खरीदने का प्रस्ताव दिया.
किसान ओम प्रकाश यादव ने 10 रुपये किलो के हिसाब से अपनी गोभी बेचने पर सहमति जताई. किसान और खरीदार की आपसी सहमति के बाद कुछ ही घंटों में किसान के बैंक खाते में आधी राशि एडवांस के रूप में पहुंच गई. उन्हें पता चला है कि खरीददार न सिर्फ ट्रांसपोर्ट उपलब्ध करवाया गया, बल्कि बची हुई राशि भी किसान के बैंक खाते में जमा कर दी. समस्तीपुर के मुक्तापुर गांव से गोभी दिल्ली के लिए रवाना हो गई है.
नए कानून से हुआ किसान को लाभ
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि नए कृषि कानून का फायदा किसान को मिला है. केंद्र सरकार ने नए कृषि कानून के जरिए किसान को अपनी फसल कहीं भी बेचने की आजादी दी है. बिहार के एक किसान स्थानीय मंडी में मिल रहे दाम से निराश होकर अपनी फसल बर्बाद करने पर मजबूर हो गया था, लेकिन नए कृषि कानून की मदद से किसान अपनी गोभी को दस गुना दाम पर दिल्ली में बेच पाया.