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रोहिंग्या मुसलमान उठा रहे पिछड़े वर्ग के आरक्षण का लाभ

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नई दिल्ली. पश्चिम बंगाल में पिछड़े वर्ग के आरक्षण का लाभ रोहिंग्या मुसलमान उठा रहे हैं. राज्य में कुल 179 पिछड़ी जातियों में से 118 मुस्लिम जातियां हैं. स्पष्ट है कि ओबीसी के आरक्षण का अधिकांश लाभ उन्हें ही मिल रहा है.

गुरुवार को राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा आयोजित प्रेसवार्ता में आयोग के अध्यक्ष हंसराज गंगाराम अहीर ने कहा कि पश्चिम बंगाल में पिछड़े वर्ग के आरक्षण में कई अनियमितताएं पाईं गईं हैं. पश्चिम बंगाल में पिछड़े वर्ग के आरक्षण में कई गड़बड़ियां हैं, जिसके कारण उपयुक्त उम्मीदवारों को उनके अधिकार से वंचित किया जा रहा है. आयोग ने जब इस पर पश्चिम बंगाल सरकार से जवाब मांगा तो कहा गया कि इनमें से अधिकांश लोग पहले हिन्दू थे. इतना ही नहीं बांग्लादेश से आए रोहिंग्या मुसलमानों को भी ओबीसी सूची में शामिल कर लिया गया है.

उन्होंने कहा कि वे मुसलमानों के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन पश्चिम बंगाल सरकार ने 118 जातियां शामिल की हैं, जो मुस्लिम समुदाय से हैं. इस तरह से दिए गए आरक्षण की आयोग जांच करवा रहा है और अगर किसी भी अयोग्य व्यक्ति को आरक्षण का लाभ मिला होगा तो उस पर कार्रवाई की जाएगी.

हंसराज अहीर ने कहा कि राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने इस साल 25 फरवरी को पश्चिम बंगाल का आधिकारिक दौरा किया था. आयोग ने अपनी जांच में पाया कि पश्चिम बंगाल के सरकारी संस्थान कल्चरल रिसर्च इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट में कहा गया है कि पश्चिम बंगाल में हिन्दुओं ने बड़े पैमाने पर इस्लाम कबूल किया है.

उन्होंने कहा कि पंजाब में भी सरकारी विभागों में ओबीसी को निर्धारित 27 प्रतिशत का आरक्षण नहीं दिया जा रहा है. वर्तमान समय में वहां ओबीसी जातियों के लोगों को सिर्फ 12 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है. आयोग ने वर्तमान आरक्षण 12 प्रतिशत को बढ़ाकर 25 प्रतिशत करने की बात कही. राजस्थान और बिहार में भी ओबीसी आरक्षण को लेकर कई अनियमितताएं पाई गईं हैं. राजस्थान के सात जिलों में ओबीसी को आरक्षण नहीं दिया जा रहा है, जबकि उन जिलों में बड़ी संख्या में ओबीसी जाति के लोग रहते हैं.

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