शिमला, हिमाचल प्रदेश. संजौली में अवैध मस्जिद निर्माण के विरोध में प्रदर्शनकारियों पर हुए पुलिस लाठीचार्ज के बाद राजधानी शिमला में व्यापारियों व जनता में आक्रोश है. इसके चलते गुरुवार को शिमला शहर में आधा दिन बाजार बंद रहा. शहर के व्यापारियों ने कार्रवाई के खिलाफ आवाज उठाते हुए बाजारों को बंद रखने का निर्णय लिया. संजौली, मालरोड शिमला, कुसुम्पटी, विकासनगर, न्यू शिमला, शोघी, बालूगंज, तारादेवी और टूटू के सभी प्रमुख बाजारों में व्यापारिक गतिविधियां ठप रहीं. व्यापारियों और स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रदर्शनकारियों पर की गई पुलिस कार्रवाई निंदनीय है और इससे जनता में नाराजगी बढ़ी है. उन्होंने शांति और न्यायपूर्ण समाधान की मांग करते हुए सरकार से अवैध मस्जिद पर कार्रवाई की अपील की है.
स्थानीय लोगों के विरोध प्रदर्शन के बाद शिमला व्यापार मंडल ने आज बाजार बंद का आह्वान किया था. जिसके चलते शिमला और आसपास के उपनगरों के सभी व्यापारियों ने आज अपनी-अपनी दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान दोपहर 1 बजे तक बंद रखे. पुलिस कार्रवाई के खिलाफ शिमला में व्यापारियों ने शेर ए पंजाब से लोअर बाजार में रोष रैली निकाली.
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि कोर्ट का निर्णय आने तक मस्जिद को सील किया जाए अथवा तुरन्त करवाई कर अवैध निर्माण तोड़ा जाए. बाहरी राज्यों से आये ऐसे लोगों पर सख्ती की जाए जो बिना पहचान बताए या पहचान बदलकर व्यापार कर रहे हैं. ऐसा नहीं किया गया तो आंदोलन को उग्र किया जाएगा.
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अवैध मस्जिद निर्माण के खिलाफ प्रदर्शन
11 सितंबर को शिमला के संजौली क्षेत्र में अवैध मस्जिद निर्माण के विरोध में हिन्दू संगठनों ने प्रदर्शन किया था. हिन्दू संगठनों के आह्वान पर हजारों की संख्या में स्थानीय लोग अवैध ढांचा गिराने की मांग को लेकर सड़कों पर उतरे. प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया, जिससे 10 से अधिक लोग घायल हो गए.
प्रदर्शनकारी करीब छह घंटे तक संजौली बाजार में डटे रहे. इस दौरान, संजौली बाजार की दुकानें बंद करनी पड़ीं और स्कूलों में छुट्टी के बावजूद बच्चों को रोक दिया गया, जिससे अभिभावक भी नाराज हो गए.
पुलिस ने प्रदर्शन को रोकने के लिए सभी रास्तों पर बैरिकेड्स लगा दिए थे और करीब 1,000 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए थे. इसके बावजूद बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी एकत्रित हो गए थे.
हिन्दू संगठनों ने 13 सितंबर को मंडी जिले में प्रदर्शन करने की घोषणा की है. मामले में 5 अक्तूबर को नगर निगम आयुक्त कोर्ट में सुनवाई होनी है, जिसमें मस्जिद के अवैध निर्माण पर जवाब मांगा गया है.